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रायसेन

बंपर आवक से बिगड़ी हाउसिंग बोर्ड कालोनी वालों की परेशानी

मंडी का तीसरा गेट फिर बना परेशानी। कॉलोनी के रास्तों पर धान की ट्रालियां।

रायसेनNov 16, 2021 / 08:55 pm

praveen shrivastava

बंपर आवक से बिगड़ी हाउसिंग बोर्ड कालोनी वालों की परेशानी

बंपर आवक से बिगड़ी हाउसिंग बोर्ड कालोनी वालों की परेशानी

रायसेन. बढ़ते शहर और बढ़ते बाजारों के बीच शहर में बनी कृषि उपज मंडी अब लोगों की समस्या बनने लगी है। लंबे समय से कृषि उपज मंडी को शहर से बाहर ले जाने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है, लेकिन जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस मांग पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि हर सीजन में जब किसानों की उपज तैयार होकर मंडी पहुंचती है तब 2 से 3 महीने तक शहर की आवागमन व्यवस्था गड़बड़ाई रहती है। उपज लेकर मंडी पहुंचने वाले किसानों की ट्राली शहर के एकमात्र मुख्य मार्ग से होकर गुजरती हैं, जिससे दिन भर जाम के हालात बने रहते हैं। भोपाल मार्ग और सागर मार्ग पर अव्यवस्था फैली रहती है। विशेषकर सागर तिराहा से मंडी गेट तक दिन में कई बार जाम लगता है।
तीसरे गेट से बढ़ी इनकी परेशानी
भोपाल मार्ग पर अव्यवस्था बढ़ जाने से मंडी प्रबंधन में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की तरफ तीसरा गेट बना लिया था, जिसे जरूरत पडऩे पर खोला जाता है, लेकिन इस गेट खोलने से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के रहवासियों की समस्या बढ़ जाती है। उनका मुख्य मार्ग किसानों की ट्रालियों में के कारण बंद हो जाता है। धान के सीजन में सबसे ज्यादा परेशानी खड़ी होती है। क्योंकि रायसेन की मंडी में केवल रायसेन के किसान ही नहीं बल्कि विदिशा, सीहोर, भोपाल क्षेत्र के किसान भी अपनी धान की उपज लेकर बेचने के लिए आते हैं। ऐसे में किसानों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है जबकि मंडी में रायसेन के किसानों के लिए जगह नहीं है। मजबूरी में ट्रालियों को दशहरा मैदान में लगवाना पड़ता है। जहां धान की नीलामी होती है, फिर किसान ट्रालियों को लेकर मंडी परिसर में पहुंचते हैं। जहां उपज की तुलाई होती है। दशहरा मैदान से मंडी तक पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग का उपयोग करना पड़ता है। जिससे जाम के हालात खड़े होते हैं।
शहर के लोगों का कहना है कि पड़ोसी जिलों में बल्कि रायसेन जिले की बरेली, सिलवानी, उदयपुरा, बेगमगंज जैसे नगरों की मंडियां शहर से दूर हैं। जबकि जिला मुख्यालय की कृषि मंडी शहर के बीच बनी हुई है। जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और अधिकारियों में इच्छा शक्ति की कमी के कारण रायसेन शहर को नई मंडी नहीं मिल सकी है। हालांकि इसके लिए लगभग 5 साल पहले कुछ प्रयास हुए थे। प्रशासन ने बाईपास मार्ग पर तथा मऊ जागीर के पास मंडी के लिए जगह देखी थी, लेकिन दोनों ही जगह कोई न कोई समस्या बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
किसान भी होते हैं परेशान
बीच शहर में मंडी होने के कारण किसानों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनके कारण सड़क पर जाम लगता है, जिससे लोग उन्हें भला बुरा कहते हैं। इसके अलावा ट्राली खड़ी करने की जगह यदि कोई दूसरा आयोजन होता है तो किसानों को ट्रालियां खड़ी करने जगह नहीं मिलती है।
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