रायसेन. कृषि उपज मंडी में अभी भी धान की बंपर आवक जारी है, लेकिन रेट और क्वालिटी को लेकर शुरुआत से ही चला आ रहा विवाद अभी भी जारी है। कुछ दिन बिना विवाद के नीलामी होती है, फिर अचानक रेट को लेकर किसान संतुष्ट नहीं होते और व्यापारियों से बहस हो जाती है। ऐसा ही गुरुवार को भी हुआ। सुबह से दशहरा मैदान पर खड़ी धान की ट्रालियों की नीलामी हुई, लेकिन लंच के बाद अचानक व्यापारी नालीमी के लिए नहीं पहुंचे, लगभग एक घंटा इंतजार करने के बाद जब किसानो को पता चला कि व्यापारी नीलामी नहीं कर रहे हैं, तो किसान नारेबाजी करते हुए मंडी पहुंचे, वहां कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं होने से किसान हाइवे पर आ गए और जाम लगा दिया। लगभग एक घंटे तक बड़ी संख्या में यात्री वाहन सहित अन्य वाहन जाम में फंसे रहे, लेकिन इस दौरान न तो मंडी से कोई अधिकारी आया और न प्रशासन से। पुलिस के दो एएसआई ही किसानो को समझाने के प्रयास करते रहे। इस दौरान पहुंचे भाजपा नेता मि_ूलाल धाकड़ ने मंडी से एक कर्मचारी को बुलाया और दोनो ने किसानो को समझाया। शुक्रवार सुबह से नीलामी कराने का भरोसा दिलाया, तब किसानो ने जाम खोला। किसानो ने बताया कि व्यापारियों द्वारा धान की नीलामी नहीं की गई, इसका कारण कुछ किसानो ने अपनी ट्रालियां एक बार नीलामी होने के बाद फिर से कतार में लगा दी थीं। नीलामी में उपज का सही उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानो ने ऐसा किया, लेकिन व्यापारियों ने इसका विरोध किया, जिस पर कहा सुनी हो गई। कंपनियां तय करती हैं रेट रायसेन सहित जिले की प्रमुख मंडियों में धान की खरीदी दावत, शार्प, सागर, अरोमा, केआरबीएल जैसी बड़ी कंपनियां स्थानीय व्यापारियों के माध्यम से करती हैं। कंपनियां ही रेट तय करती हैं, व्यापारी उससे कम रेट पर खरीदी करते हैं, ताकि उनकी कमाई निकाल सकें। इसलिए वे अपनी मर्जी से रेट नहीं बढ़ा सकते। कंपनियों और व्यापारियों के खेल में किसानो की उपज के औने-पौने दाम लगते हैं। जो आए दिन विवाद का कारण बनता है। नहीं पहुंचे अधिकारी किसानो और व्यापारियों के बीच आए दिन विवाद और जाम से अब अधिकारी भी ऊब गए हैं। गुरुवार को किसानो ने इस उम्मीद में जाम लगाया कि अधिकारी मौके पर आएंगे तो उनकी सुनवाई होगी, लेकिन एक घंटे में न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचा और न ही मंडी से कोई अधिकारी पहुंचा। यहां तक कोतवाली से टीआई भी नहीं पहुंचे। दो एएसआई और तीन जवानो ने ही स्थिति संभाली। इनका कहना है सुबह के समय लगभग 450 ट्रालियों की नीलामी की गई थी। दोपहर बाद कुछ किसान अपनी ट्राली लेकर फिर कतार में लग गए थे। जबकि उनकी उपज की नीलामी हो चुकी थी। व्यापारियों ने इसका विरोध किया, जिससे विवाद हो गया था। आज फिर उनकी उपज की नीलामी की जाएगी। डीसी लाडिय़ा, सचिव कृषि उपज मंडी रायसेन —————