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रायसेन

वैक्सीन ने थामी डोर, अब आपकी जिम्मेदारी

– जिले में 99 प्रतिशत तक हुए वैक्सीनेशन के कारण कोरोना का कोई गंभीर केस नहीं, अब पॉजिटिव होने से बचने के लिए खुद को उठानी पड़ेगी जिम्मेदारी।

रायसेनJan 24, 2022 / 09:04 pm

praveen shrivastava

वैक्सीन ने थामी डोर, अब आपकी जिम्मेदारी

वैक्सीन ने थामी डोर, अब आपकी जिम्मेदारी

रायसेन. जिले में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण चिंता का कारण तो है, लेकिन अभी तक मात्र चार मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि वैक्सीन ने कोरोना की मारक क्षमता को बहुत कम कर दिया है। यह बड़ी राहत वैक्सीन से मिली है, लेकिन केवल इससे ही संतुष्ट होकर लापरवाही करना घातक भी हो सकता है। भले ही पॉजिटिव होने के बाद कोई बड़ा खतरा न हो, लेकिन कम से एक सप्ताह तक घर के एक कमरे में कैद तो होना ही पड़ेगा, इसलिए बेहतर यही है कि कोरोना से बचने के उपाय जरूर करें। वैक्सीन ने महामारी की डोर थामी है, लेकन संक्रमण पहले की तरह की फैल रहा है। इससे बचने के लिए खुद को अपनी जिम्मेदारी समझना होगा। जिले में पहले और दूसरे डोज 99 प्रतिशत तक लग चुके हैं, लेकिन अभी लगभग आधे युवाओं को वैक्सीन लगना बाकी है। स्वास्थ विभाग के आंकड़ों में बच्चों को लगभग 80 प्रतिशत डोज लग चुके हैं, लेकिन ये आंकड़े स्कूलों में दर्ज बच्चों के हैं, ट्राप आउट यानि स्कूल नहीं जाने वाले 15 से 18 साल तक के बच्चों का टीकाकरण बहुत कम हुआ है। ऐसे बच्चों को तलाशकर टीका लगाए जा रहे हैं, लेकिन इनके टीकाकरण की रफ्तार कमजोर है। वहीं प्रीकाशन डोज के मामले में भी अच्छी स्थिति है।
पॉजिटिव का प्रतिशत बढ़ा
जिले में अभी तक लिए गए सेंपल और उनमें से पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का प्रतिशत हालांकि बढ़ रहा है, बीते चार दिनो में यह प्रतिशत 30 के आस-पास रहा है, लेकिन औसत प्रतिशत 03 के आस-पास चल रहा है। खास बात यह कि इतने मरीज मिलने के बाद भी अस्पताल में केवल मरीज ही भर्ती किए गए हैं, लेकिन कोरोना का घातक असर बहुत कम हो गया है। इसका प्रमुख कारण वैक्सीनेशन है।
मास्क लगाएं तो पॉजिटिव का प्रतिशत कम हो
वैक्सीन तो लगवा ली, लेकिन मास्क लगाने में अभी भी लोग संकोच कर रहे हैं। इसी वजह से पॉजिटिव मरीजों का प्रतिशत बढ़ रहा है। अब केवल मास्क लगाने से ही जिले में संक्रमण की रफ्तार पर लगाम लगाई जा सकती है। तीसरी लहर की शुरुआत दो-चार मरीजों से हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में यह संख्या प्रतिदिन 50, 100 और फिर 150 से पार हो गई है। अब अधिकतर घरों में पॉजिटिव मरीज हैं। जो बिना मास्क बाजार आए और कोरोना को अपने साथ घर ले गए।
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