जय रघुवीर, जय महावीर समिति के बैनर तले हर साल दो बार पवनपुत्र वीर हनुमानजी के मुखौटे की शोभायात्रा बावड़ी पुरा वार्ड 2 के खेड़ापति सिद्ध हनुमान मंदिर से निकाली जाती है। एक विजयादशमी के दिन और दूसरी रामलीला में रावण वध की लीला के दिन। इस मुखौटे और चोला को धारण करने वाले युवक को 40 दिन के ब्रम्हचर्य व्रत का पालन करना होता है। युवक को चटाई बिछाकर जमीन पर ही सोना पड़ता है। अपनी पत्नी से दूर मां के हाथों से बना हुआ भोजन ग्रहण करना होता है। कठिन जप, तप व संयम साधना के बाद ही युवक इस पवित्र मुखौटे और सिंदूरी चोला को धारण कर पाता है।