गौसेवक रविन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने दो लोगों को गाय चराने के लिए रखा है, दोनों को पांच-पांच हजार रुपए महीना की वेतन भी देते हैं । दोनों चरवाह सुबह से शाम तक मवेशियों को जंगल मे चराने ले जाते हैं। उनकी तनख्वाह ग्रामवासियों से मिलने वाली दान राशी से दी जाती है। ग्रामीण मोहन सिंह राजपूत का कहना है कि सरकार को रविन्द्र को गौशाला चलाने में मदद करना चाहिए, जिससे यहां और अधिक व्यवस्था हो पाए।
जानकारी आसे मुझे प्राप्त हुई है। इस संबंध में यदि गांव वाले आवेदन देकर गौशाला की मांग करते हैं तब राजस्व विभाग और कृषि विभाग की टीम से स्थल निरीक्षण करवाया जाएगा। अगर राजस्व विभाग की 5 एकड़ भूमि वहां मिलती है, तब वहां पर गौशाला का निर्माण किया जाएगा।
-शैलेश पांडे, जनपद सीईओ