इसके बाद जिलेभर के सभी शिक्षक, अध्यापकों की विशेष ट्रेनिंग जून महीने के पहले सप्ताह में दी जाना है। डाइट के प्रभारी एके सिंह ने बताया कि इस विशेष ट्रेनिंग की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। एके सिंह ने बताया कि पढ़ाई की नई तकनीक के तहत पढ़ाई कराई जाएगी विद्यार्थियों को। इसके लिए संभाग के १०वीं कक्षा में विज्ञान और गणित पढ़ाने वालों को विशेष ट्रेनिंग दी जाना तय किया गया है। दरअसल एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के लिए जिला शिक्षा विभाग ने नए शिक्षा सत्र २०१८-१९ में गणित व विज्ञान विषय के कोर्स में स्टेट बोर्ड के कुछ टॉपिक को जोड़ा गया है। ताकि वे छात्र-छात्राओं को उस टॉपिक के विषय में अच्छे से जानकारी दे सकें।
ऐसा होगा कोर्स ……
दरअसल पिछले साल ९वीं और ११वीं के कोर्स में बदलाव किया गया था। इस साल १०वीं के कुछ कोर्स में बदलाव किया गया है। जिसकी ट्रेनिंग भी मास्टर ट्रेनरों को दी जा रही है। यह ट्रेनिंग पांच दिनों की होती है। जिसमें १० मास्टर ट्रेनरों द्वारा सुबह ९ से शाम ५ बजे तक दी जाएगी। जिसमें ६ बैच बनाए जाएंगे। कोर्स डायरेक्टर एवं डाइट प्रभारी एके सिंह ने बताया कि एनसीआरटी और सीबीएसई कैटेगरी में आ गया है। जिसमें १०वीं के गणित विषय के कुछ टॉपिक भी बदल गए हैं।
प्रतियोगिता परीक्षा में मिलगी मदद….
एनसीईआरटी की किताबों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।चाहे वह सिविल सेवा की परीक्षा हो या फिर पीएटी, पीएमटी, जेईईई सहित अधिकांश परीक्षाओं से जुड़े सवाल एनसीईआरटी की बुक्स से पूछे जाते हैं। बदले गए कोर्स की पुस्तकें गर्वमेंट ने उपलब्ध करवा दी हैं। जिसका मॉड्यूल रीजनल कॉलेज भोपाल में तैयार किया जा रहा है। जिसे प्रदेश सरकार नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी।
गणित विषय के टॉपिक
टिक्नोमेट्रिक में पिछले साल ९वीं में पढ़ाया जाता था पर इस साल १०वीं में पढ़ाया जाएगा।क्षैत्रमिति में पहले सरल सवाल पूछे जाते थे लेकिन अब कठिन प्रश्न पूछे जाएंगे। वर्ग समिति करण में पूर्ण वर्ग विधि को जोड़ दिया गया है। अनुपात व समानुपात के अध्याय को अब हटा दिया गया है। गणित में पढ़ी जाने वाली रचनाएं अलग रूप में आ गई हैं।डाइट प्रभारी सिंह ने बताया कि सबसे बड़ा यह परिवर्तन हुआ है कि सबसे ज्यादा प्रश्न हुआ करते थे। लेकिन अब कम हो गए हैं।
विज्ञान विषय के टॉपिक
विज्ञान विषय के मास्टर ट्रेनरों के मुताबिक पहले विज्ञान विषय में २२ अध्याय हुआ करते थे। जिन्हें कम कर १६ अध्याय कर दिए गए हैं। जो इस प्रकार हैं। पुराने कोर्स में फिजिक्स के ८, केमेस्ट्री के ४, बायो के ८ व पर्यावरण के २ अध्याय हुआ करते थे। पर अब नए कोर्स में केमेस्ट्री के ५, फिजिक्स के ५, बायो के ४ व पर्यावरण के २ अध्याय कर दिए गए हैं। इसमें अम्ल, क्षारक, लवण व तत्वों का आवर्त वर्गीकरण के दो नए चैप्टर को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि विज्ञान विषय में ८ मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होने से सीबीएसई और एमपी बोर्ड की पढ़ाई में अब कोई अंतर नहीं रहेगा।प्रतियोगी परीक्षाओं में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में भी बदलाव हो चुका है। शिक्षक, अध्यापक विशेष ट्रेनिंग लेकर छात्रों की बेहतर पढ़ाई नए पैटर्न पर कराएंगे।