13 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार से तहसील प्रांगण में आमरण अनशन पर बैठे दीक्षित का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वे अनशन पर रहेंगे। उन्होंने समर्थकों के साथ भगवान शिव का अभिषेक किया और प्रार्थना की। शुक्रवार को अंशनधारियों से मिलने नप अध्यक्ष केशव पटेल, सांसद प्रतिनिधि धर्मेंद्र राजपूत सहित अन्य लोग पहुंचे थे।
दीक्षित के अनशन के चौथे दिन दोपहर १२३ बजे तक सत्ता पक्ष का कोई जिम्मेददार या प्रशासन का कोई अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंचा। दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को तीसरे दिन हमारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। जबकि हम गुरुवार से तहसीलदार से स्वास्थ परीक्षण कराने की गुहार लगा रहे थे। तहसीलदार ने हमारा आवेदन तक नहीं लिया और तो और गुरुवार को रात्रि में तहसील के शौचालय भी तहसीलदार द्वारा बंद करा दिए गए थे, जिससे हमें काफी परेशानी हुई। स्वास्थ परीक्षण होते समय सुनील दीक्षित ने बताया कि उन्हें हल्का बुखार है।
इन मांगों को लेकर कर रहे हैं अनशन
उनकी प्रमुख मांगों में हर पंचायत में गौशाला निर्माण, कृषि उपज मंडी में नगद भुगतान की सुविधा, वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित पेंशन 1000, ग्राम और कस्बों में निवास करने वालों को आवासीय पट्टा, कृषि उपज मंडी में सुविधाएं बढ़ान, राजस्व विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम में मिंडे मीनारें स्थापित करने, सीमांकन बंटन का नामांतरण करने तथा किसान हित में ऐसा कानून बनाया जाए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कोई भी अनाज विक्रय नहीं किया जा सके। किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से होने वाली हानि से बचाने और यदि हानि होती है तो उसका मुआवजा देने की मांग शामिल हैं। नई कांग्रेस सरकार ने किसानों से जो वायदे किए हैं उन्हें शीघ्र अतिशीघ्र पूरा करने की मांग कर रहे हैं।