खुद की सुरक्षा भूलकर मरीजों की बेहूदगी का सामना भी करना पड़ रहा है। बावजूद इसके ये अपने काम से पीछे नहीं हट रहे हैं। जिला अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुरेश चक्रवर्ती, संतोष मेहरा, शांति बाई सहित सुरक्षा गार्ड एवं सफाईकर्मी हरिबाई, रीना बाई अस्पताल के साथ क्वारेंटाइन वार्डों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जरूरत पडऩे पर १२ से १६ घंटे तक ड्यूटी कर रहे हैं।
जरूरत पडऩेे पर लेबर रूम में भी करते हैं ड्यूटी
जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर अनिल ओड निश्चितना विशेषज्ञ होने के साथ जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद नियुक्त हैं। डॉ. ओड क्षेत्रीय निवासी हैं, इसलिए मरीजों का समझना इनके लिए आसान है। जरूरत पडऩे पर लेबर रूम में भी ड्यूटी कर मरीजों की सेवा में हमेशा तत्पर हैं।
सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. दिनेश खत्री जटिल ऑपरेशन के लिए जाने जाते हैं। कोरोना के विरुद्ध सेवाएं दे रहे हैं, वार्ड के प्रभारी होने के नाते अन्य मरीजों के इलाज में दिनभर जुटे रहते हैं। परिवार से एक माह से नहीं मिले हैं, ग्वालियर में बुजुर्ग मां और पिता हैं, पर मोबाइल पर बात कर मन बहला लेते हैं।
इन पर जिले का प्रभार, इमरजेंसी और वार्ड भी
मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. एमएल अहिरवार पर कोरोना संक्रमण में जिले के प्रभार है। इमरजेंसी ड्यूटी के साथ वार्ड और जिले की स्थिति पर भी नजर रख रहे हैं। भोपाल में रह रहे परिवार से मोबाइल पर बात करते हैं। बच्चों को घर में ही रहने और सावधानी बरतने के लिए कहते हैं।
आरएमओ डॉ. परमार पर बाहर से आए हुए और क्वारेंटाइन सेंटरों और आइसोलशन में रह रहे संदिग्ध मरीजों के सेंपल लेने की जिम्मेदारी है। प्रशासन से लगातार संपर्क में बने रहने के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों से बेहतर तालमेल बैठाकर कोरोना से लड़ाई लड़ रहे हैं।