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रायसेन

जिले के ११९ सरकारी स्कूल में नहीं हैं प्राचार्य, चल रहे प्रभारियों के भरोसे

जिले में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है। जिले के ११९ ऐेसे शासकीय हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल हैं।

रायसेनSep 30, 2018 / 11:37 pm

मनोज अवस्थी

government school

जिले के ११९ सरकारी स्कूल में नहीं हैं प्राचार्य, चल रहे प्रभारियों के भरोसे

रायसेन. जिले में सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है। जिले के ११९ ऐेसे शासकीय हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल हैं। जहां लंबे अरसे बाद भी स्थायी प्राचार्यों की पदस्थापना नहीें हो सकी है। जिसके चलते काफी हद तक शिक्षा-व्यवस्था प्रभावित होती है।
प्राचार्य विहीन इन स्कूलों की कमान शिक्षा महकमे के अधिकारियों ने हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों के वरिष्ठ शिक्षकों को सौंप रखी है। अधिकांश सरकारी स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य के मनमाने रवैये से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
ऐसे में वह आगे की पढ़ाई कैसे करें और कॅरियर बनाने के लिए आगे कैसे बढ़ें? जहां एक ओर सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे और वायदे किए जा रहे हैं।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में १०७ शासकीय हाईस्कूल और ७७ शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें ११९ शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल प्राचार्य विहीन हैं। हालांकि जिन सरकारी स्कूलों में प्राचार्यों के पद खाली हैं। वहां प्राचार्यों की स्थायी पदस्थापना के लिए जिला शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विभागीय तौर पर शासन को कई पत्र-व्यवहार भी किया जा चुका है। लेकिन विभाग द्वारा अब तक कारगर कदम नहीं उठाए गए।जिस कारण छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

६५ स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ
जिले के कुल १८४ हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में से सिर्फ ६५ स्कूलों में ही स्थायी प्राचार्य पदस्थ हैं। बाकी ११९ हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों की कमान प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे सालों से चल रही है। प्रभारी प्राचार्यों पर किसी भी तरह का दबाव भी नहीं रहता है। इसीलिए वह अपनी मनमर्जी से स्कूल आते जाते हैं। शिक्षक भी बेलगाम हैं उन पर भी छात्रों की पढ़ाई कराने का कोईदबाव नहीं रहता है। जबकि सरकार बोल रही हैं कि शिक्षा के मामले में हमारे सरकारी स्कूल भी काफी प्रगति कर रहे हैं।
जब इन स्कूलों पर नियंत्रण और मॉनीटरिगं करने वाला अधिकारी ही स्थाई रूप से पदस्थ नहीं है। तो शैक्षणिक व्यवस्था में कैसे सुधार आएगा। प्राचार्यों का प्रभार दिए गए शिक्षकों द्वारा कक्षाओं में पढ़ाई करवाई जाए या फिर स्कूल का नियंत्रण।

महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई पर असर
ज्यादातर हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्य स्थाई रूप से पदस्थ नहीं होने की दशा में गणित और विज्ञान, अंग्रेजी विषयों के व्याख्याताओं को ही प्राचार्य का प्रभार दिया गया है। ऐसे मेें कक्षा दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा वाले विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई में दिक्कत होती है। वहीं अब तक जिले के स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है। जबकि आधा शैक्षणिक सत्र बीता जा रहा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में गणित, विज्ञान जैसे खास विषयों का पाठ्यक्रम निर्धारित शेड्यूल से पीछे चलना बताया जा रहा है। गौरतलब हो कि वर्तमान में कई स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षाएं भी चल रही है।

बालक हासे स्कूल भी प्रभारी के भरोसे
जिला मु यालय के शासकीय बालक हायर सेकंडरी स्कूल पाटनदेव भी प्रभारी प्राचार्य के भरोसे संचालित हो रहा है। बालक हायर सेकंडरी स्कूल पाटनदेव के प्राचार्य मुजाहिद सिद्दीकि क ी सेवानिवृत्ति के बाद से ही यहां प्रभार एक वरिष्ठ शिक्षक को दिया गया है। ऐसी स्थिति में गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हालांकि गल्र्स स्कूल रायसेन में प्राचार्या एमडी दाहिया की पदस्थापना स्थायी प्राचार्या की गई है। बताया जा रहा है कि अक्सर उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
– लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा सरकारी हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूलों में प्राचार्यों की पदस्थापना की जाती है। हमारे द्वारा शिक्षकों की प्रमोशन सूची भी डीपीआई भोपाल भेज दी गई है। यहां के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को पदोन्नति देकर स्थायी प्राचार्यों की पदस्थापना की जाना है।
आरपी सेन, डीईओ रायसेन

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