दारासिंह यादव की दो बेटियां रंजना 11 वर्ष एवं वंदना 16 वर्ष दोपहर लगभग 2 बजे अपनी मां से नहाने का बोलकर घर के पास ही एक खेत में खुदे तालाब में नहाने गईं थीं।
कुछ ही देर बाद मां भी जब तालाब पर पहुंची तो दोनों को डूबता देखकर खुद ने भी उन्हें बचाने के प्रयास किया, तभी पास ही मौजूद लोग वहां इकट्ठा हो गए, लेकिन दोनों बहनों को बचाने में असमर्थ रहे। बाद में दोनो बहनो के शव तालाब से निकाले गए।
घटना की जानकारी मिलते ही गैरतगंज थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए गैरतगंज अस्पताल भिजवाया तथा मर्ग कायम कर मामले को विवेचना में लिया है।
चली गई दोनो बेटियां….
झामर निवासी दारासिंह यादव के घर में पत्नी के अलावा दो बेटे और दो बेटियां थीं। जिनमें दोनों बेटियों की तालाब में डूबने से मौत हो गई। अब घर में मनीष एवं जसवंत दो बेटे हैं।
घटना के बाद से परिवार समेत गांव में मातम का माहौल है। वहीं बच्चियों की मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
सडक़ निर्माण के दौरान खोदा गया था तालाब….
जानकारी के अनुसार लगभग एक वर्ष पहले रसीदपुर से झामर तक प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा रामस्वरूप किरार के खेत में उत्खनन कर मुरम निकाली गई थी। जिसे बाद में तालाब बना दिया गया।
प्रशासन के उदासीन रवैये के चलते क्षेत्र में ऐसे अनेकों अवैध उत्खनन कर ठेकेदारों द्वारा रोड का निर्माण किया जाता है। जिसमें प्रतिवर्ष कई मासूमों को अपनी जान गवाना पड़ती है, बाबजूद इसके प्रशासन अब तक नहीं चेता है।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं….
क्षेत्र में अवैध उत्खनन से हुए गड्ढे हर साल हादसों का कारण बनते हैं। बारिश के दौरान ग्राम सर्रा में ऐसी ही एक घटना में स्कूल से वापस लौट रहे तीन बच्चों की डूबने से मौत हो गई थी।
उक्त घटना के बाद प्रशासन ने खतरनॉक गड्ढों को ठेकेदारों से बंद कराने या सुरक्षा कराने की बात कही थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
जानकारी मिलते ही पटवारी को मौके पर भेज दिया गया है। तालाब की जानकारी भी निकलवाई जा रही है। यदि इस मामले में कोई दोषी पाया जाता है तो उचित कानूनी कार्यवाई की जाएगी।
सुनील प्रभास, तहसीलदार