अस्पताल में प्रसूता ने दम तोड़ा
परिजनों ने लगाया चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप
रायसेन. जिला अस्पताल के प्रसूति प्रसवोत्तर केंद्र का बिगड़ा ढर्रा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। सुरक्षित मातृ शिशु दर को लेकर जहां सरकारों द्वारा लाखों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है, लेकिन जिला अस्पताल के प्रसूति केंद्र में न तो जच्चा की जान सुरक्षित हो पा रही और न मासूम बच्चों की। एक सप्ताह में महिला चिकित्सकों की लापरवाही का यह दूसरा मामला रविवार को सामने आया। ग्राम इमलिया बोरपानी निवासी एक प्रसूता को डिलेवरी कराने के लिए पहले उसे लेकर परिजन देहगांव अस्पताल पहुंचे। जहां से उसे शनिवार की रात में ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। प्रसूति केंद्र में ड्यूटी पर डॉ. अर्चना पुण्ढीर तैनात थीं। यहां रात करीबन सवा ग्यारह बजे महिला ने एक शिशु को जन्म दिया, लेकिन बाद में उसकी मां की जान नहीं बचाई जा सकी। इस मामले को लेकर परिजनों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इस संबंध में आरएमओ डॉ. यशपाल सिंह बाल्यान का कहना है कि महिला को खून की कमी बताई जा रही थी। उसकी पल्स भी काफी धीमी चल रही थी।