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राजगढ़

14000 मजदूर संक्रमित शहरों से हमारे यहां आए, जांच किसी की नहीं, अब भी नहीं संभले तो परेशानी में आ सकता है जिला!

कोरोना : खतरा अब हमारे द्वार…… जून-जुलाई में बढ़ सकता है आंकड़ाहर दिन प्रवासी मजदूरों का आना जाना भी जिले के सारंगपुर, पचोर और ब्यावरा, अतिरिक्त सावधानी की जरूरत

राजगढ़May 22, 2020 / 07:18 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

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राजेश विश्वकर्मा
ब्यावरा.अभी तक हम विदेश और देश के अन्य राज्यों, शहरों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामलों को लेकर चिंता में रहे हैं लेकिन अब खतरा हमारे द्वार आ चुका है। यानि यदि अभी भी हम नहीं संभले तो आने वाला समय भयावह हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के दावे के अनुसार जून-जुलाई में बढऩे वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या का असर जिले पर भी पड़ेगा।
दरअसल, बीते महीनेभर में जिले में करीब 14000 मजदूर विभिन्न संक्रमित राज्यों के संक्रमित शहरों से आए हैं। जिले में जो छह कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं वे भी ऐसे ही आने-जाने वालों से ही फैला है। महज दो ही केस फिलहाल जिले के इनमें से माने जा रहे हैं। ऐसे में हमारे घर पर अब खतरा मौजूद है, इसमें अतिरिक्त एहतियात की जरूरत हर व्यक्ति है।
अगर सैम्पलिंग की जाए तो सैंकड़ों में निकले पॉजिटिव!
जानकारी के अनुसार उक्त मजदूर विभिन्न गांवों में होम क्वारेंटीन है, जिनका शहरों, कस्बों में आना-जाना जारी है क्योंकि कोई पाबंदी क्वारेंटीन कि ए गए व्यक्ति पर नहीं है। ऐसे में वह कितने दुकानदारों और अन्य लोगों के संपर्क में आता है यह सिर्फ वही जाना है। ऐसें में स्वास्थ्य अमला यदि रेंडमली सैम्पलिंग करे तो सैंकड़ों की तादाद में पॉजिटिव केस सामने आ सकते हैं। बता दें कि फिलहाल जिले में कोरोना संक्रमण की जांच का दायरा सिर्फ थर्मल स्क्रीनिंग मात्र है। ऐसे में कितने ही लोगों में यह संक्रमण होगा भी तो किसी को नहीं पता।
ब्यावरा से रेफर वृद्ध की रास्ते में मौत, प्रोटोकॉल में अंतिम संस्कार
एक दिन पहले सामने आई कोरोना पॉजिटिव महिला फिलहाल भोपाल में उपचाररत है। वहीं, ब्यावरा के तलेनी गांव से भेजे गए 75 वर्षीय वृद्ध की रास्ते में कुरावर के पास मौत हो गई। उन्हें रात में ही सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। जहां कोविड-19 के प्रोटोकॉल के हिसाब से परिजनों को बुलाकर अंतिम संस्कार करवाया गया। उनका सैम्पल भी कोरोना टेस्ट के लिए भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आना शेष है।
फिलहाल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ही एक मात्र जरिया
टोल प्लॉजा के कर्मचारी और यूपी की महिला के पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद फिलहाल स्वास्थ्य विभाग उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लगी हुई है। अधिक से अधिक ट्रेसिंग पर विभाग फिलहाल जोर दे रहा है। हालांकि शासन और स्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के अलावा विकल्प भी नहीं है।
चैन तोडऩे शासन की ओर से कोई सख्ती नहीं
दो पॉजिटिव केस जिले की ही सीमा में आने के बावजूद प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टें खत्म करने और कोरोना की चैन तोडऩे के लिए कोई सख्ती नहीं की गई है। दरअसल, जिला प्रशासन उक्त महिला को अपने जिले का हिस्सा ही नहीं मानता। ऐसे में कहने को टोटल लॉक डॉउन है लेकिन जिलों की सीमाएं तक ढंग से सील नहीं है। लोग बेझिझक शहर में घूम रहे हैं, उन्हें न सोशल डिस्टेंस से मतलब है न ही वे मॉस्क पहन रहे। ऐसे में न सिर्फ उन्हें खुद बल्कि शहर की जनता, दुकानदार व अन्य लोगों को भी उनसे खतरा है।
कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लगे हैं
जो पॉजिटिव मामले आए हैं उनके कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लगे हुए हैं। अधिक से अधिक ट्रेसिंग का हमारा लक्ष्य है। इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग भी हमने बढ़वाई है।
-डॉ. महेंद्रपाल सिंह, नोडल अधिकारी, कोविड-19, राजगढ़

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