जैसा सुना था वैसा ही देखने को मिला। जहां गेहूं बेचने लाए पिकअप के चालकों ने ही बताया कि यह गेहूं मंगल भवन स्थित केन्द्र से लेकर आए है। जिसके बाद एसडीएम ममता खेड़े भी मौके पर पहुंची। जहां उन्होंने पूरे गेहूं को जब्त किया और आगे की जांच शुरू कर दी।
एक वाहन बडलावदा और दूसरा दीनदयाल भोजन केन्द्र का
जिस समय गेहूं मध्याह्न भोजन बनाने वाले केन्द्र और दीनदयाल योजना के तहत मिलने वाली पांच रुपए थाली के केन्द्र से गेहूं भरा जा रहा था। उस समय मुखबिर की सूचना मीडियाकर्मियों तक पहुंची। मौके पर प्रजापति ब्रदर्स लिखी पिकअप पर खाद्यान्न भरा जा रहा था। जिसका नंबर एमपी ३९ जी २५६४ था। पिकअप पर खाद्यान्न भरकर हाईवे के रास्ते सीधा उसे उपार्जन केन्द्र ले जाया गया। जहां गाड़ी को ९ नंबर पर ले जाकर खड़ा किया गया। सूचना एसडीएम ममता खेड़े के पास पहुंचने के बाद उन्होंने तुरंत जांच दल मौके पर भेजा। यहां जब मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि एक पिकअप बडलावदा से लेकर आए है और दूसरी मंगल भवन स्थित दीनदयाल भोजन केन्द्र से भरी है। सभी बोरे जिनमें गेहूं थे। वह शासकीय बोरे थे। वहीं पिकअप में जो गेहूं था वह नया न होकर पुराना था।
जो गेहूं उपार्जन केंद्र से सरकारी होने के शक में जब्त किया गया। उसमे 45 क्विंंटल गेहंू और 12 पैकेट दलिये के भी निकले जो आंगनबाड़ी में वितरित होते है। टीम मामले की जांच कर रही है।
नया नहीं है मामला
समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी में गड़बड़ी की शिकायत का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पचोर, मलावर, सुस्तानी, उदनखेड़ी जैसे उपार्जन केन्द्र विवादों में रह चुके है। कुछ मामलों में कई लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। वहीं कुछ लोगों के खिलाफ वसूली के भी आदेश हो चुके है।
यह गेहूं मेरा ही है, लेकिन तीन दिन से मंडी में अवकाश होने के कारण बडलावदा गांव से गेहूं लाकर मंगल भवन में रखवा दिया था। जिसे आज मैसेज आने के बाद मंडी लाए थे। मैंने पिछली बार भी यहां गेहूं बेचा था। रही बात पुराने गेहूं की तो कुछ खेत पर बचा हुआ था।
हेमंत जोशी, ठेकेदार दीनदयाल योजना और किसान राजगढ़
ममता खेड़े, एसडीएम राजगढ़