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राजगढ़

फसलों के हिसाब से पर्याप्त, लेकिन जिले में औसत से काफी कम

इस बार रुक-रुककर हो रही बारिश भले ही फसलों के हिसाब से काफी कारगर साबित हुई हो, लेकिन अभी भी जिले में औसत बारिश नहीं हुई है।

राजगढ़Sep 05, 2018 / 11:04 pm

Ram kailash napit

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Rainfall in the city on Wednesday evening

ब्यावरा. इस बार रुक-रुककर हो रही बारिश भले ही फसलों के हिसाब से काफी कारगर साबित हुई हो, लेकिन अभी भी जिले में औसत बारिश नहीं हुई है। हमेशा उफान पर रहने वाली बड़ी नदियां भी चुनिंदा बार ही उफान पर आई हैं। अभी तक जल स्रोतों का जलस्तर नहीं बढ़ पाया है। बुधवार को शाम चार बजे से शुरू हुई बारिश देर रात तक होती रही।

दरअसल, जुलाई माह से ही बोवनी के दौरान से ही फसलों की जरूरत अनुसार बारिश हो हो रही है लेकिन तमाम जल स्रोत, बांध, कुएं, नदियां इत्यादि अभी खाली है। हालांकि माना जा रहा है कि बारिश अभी कुछ दिन और होगी, इससे जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। जिले में हर बार होने वाली 1107 एमएम बारिश का आंकड़ा अभी तक 633.8 नहीं हो पाया है। अगस्त माह बीत जाने और बारिश के आधे सीजन के बाद भी औसत आधी बारिश भी नहीं हो पाने से जिलेभर में पानी को लेकर चिंता सता रही है। जनता भले ही लगातार बारिश से सुखद अहसास मान रहे हों, लेकिन हकीकत में अभी भी जिले में बारिश की जरूरत है।
ब्यावरा में एक बार भी नहीं डूबा इंदौर नाका
ब्यावरा में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर देने वाली अजनार नदी भी ढंग से उफान पर नहीं आ पाई है। आमल्याहाट सहित मलावर क्षेत्र में इस बार बारिश कम होने से नदी मुश्किल से एक या दो बार ही उफान पर आ पाई है।
पहली-दूसरी बारिश में ही बंद हो जाने वाले इंदौर नाका पर एक बार भी पानी नहीं आ पाया है। ऐसे ही हालात दूधी और सारंगपुर की कालीसिंध नदी के हैं। दूधी भी कुशलपुरा डेम के गेट खोले जाने के बाद एक या दो बार उफान पर आई। वहीं, कालीसिंध नदी भी छोटे रपटे दो से तीन बार ही कुछ समय के लिए आ पाई है।
जिले में बारिश के आंकड़ों पर एक नजर
ब्लॉक बारिश एमएम में
जीरापुर 806.8
खिलचीपुर 557.0
राजगढ़ 442.1
ब्यावरा 695.2
नरसिंहगढ़ 522.0
सारंगपुर 839.0
पचोर 575.0
जिले में होने वाली औसत बारिश 1109 एमएम।
जिलमें अभी तक हुई बारिश 633.8 एमएम।
(जिला प्रशासन, मौसम विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी)
फैक्ट-फाइल
-06 लाख10 हजार कुल कृषि योग्य भूमि।
-03 लाख 37 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन।
-2000 में ज्वार।
-71000 में मक्का।
-1600 में तिल।
-1200 में मूंगफली।
-7000 में अरहर।
-3500 में मंूग।
(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार प्रति हैक्टेयर में)

अभी तक हुई बारिश फसलों के लिए काफी लाभप्रद हुई है। इससे फसलों को उतना ही पानी मिला है जितनी जरूरत थी। यदि किसानों को कुछ भी प्रकोप या कीट की शिकायत हो तो कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विभाग को सूचित करें।
-डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, राजगढ़
आगामी चौबीस घंटे में ग्वालियर के साथ ही चंबल संभाग के टीकमगढ़, छतरपुर के साथ ही राजगढ़ में हल्की बारिश के आसार हैं। कई अन्य जगह गरज, चमक के साथ बौछारों की भी संभावना है।
-एसके नायक, मौसम वैज्ञानिक, भोपाल

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