परिजनों ने कार्रवाई की मांग की…
बाद में पट्टा काटने के बाद यह सारा खुलासा हुआ। इसके बाद डॉक्टर को जानकारी दी तो उन्होंने ऑपरेशन की सलाह दी। मरीज लीलाबाई के बेटे मेहरबान की माने तो उसके बाद डॉक्टर ने कॉल भी अटेंड करना उचित नहीं समझा। इससे भोपाल में इलाज कराना पड़ा और वह ऑपरेशन के माध्यम से बड़ी हुई हड्डी को कटवाया और लगभग 8 दिन वहां भर्ती रहना पड़ा। गलत उपचार को लेकर मेहरबान सिंह वर्मा ने सीएमएचओ को शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
पेडू की हड्डी काटकर की बोन ड्राफ्टिंग…
हाथ की दूसरी हड्डी टूटने के बाद जब वह कलाई पर ज्यादा बढ़ गई तो ऑपरेशन के बाद उसे काटना पड़ा और भरपाई के लिए पेडू की हड्डी काटकर बोन ड्राफ्टिंग करनी पड़ी। गलत इलाज को लेकर परिजनों ने क्षतिपूर्ति की मांग की है।
हमारे पास कई बार कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं रहती तो हो सकता है किसी का सहारा लिया हो। लेकिन जिस प्रकरण की बात कर रहे हैं उसमें परिजनों ने समय से पहले पट्टा कटवा लिया था। इससे परेशानी आई होगी। और पट्टा चढ़ाने के बाद हड्डी जुडऩे की कोई ग्यारंटी नहीं रहती है।
डॉक्टर प्रदीप कुमार माथुर, डी आर्थो