शहर के वर्तमान बसस्टैंड का निर्माण करीब २२ वर्ष पूर्व हुआ था, इसके करीब दस साल बाद यहां बसस्टैंड की शिफ्टिंग हुई। तब तक बसस्टैंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए बने सुविधाघर पूरी तरह खराब हो गए थे। वहीं जिस स्थान पर बसों के खड़े करने की व्यस्था की गई थी। वह स्थान यात्री प्रतीक्षालय से दूर था। बसस्टैंड शिफ्टिंग के इतने सालों बाद भी इन सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया है। इसके कारण यात्रियों खासकर महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। गर्मी और बारिश के समय तो यात्रियों को धूप और बारिश से बचने के लिए दुकानों के अवैध टीनशेडों का सहारा लेना पड़ता है।
बसस्टैंड पर यात्री और अन्य वाहनों को व्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस भी कई बार बसस्टैंड के चक्कर काटती है। लेकिन हर बार बसस्टैंड के बाहर खड़े वाहनों को इधर-उधर कर वापस लौट आते हैं। उनके द्वारा न तो बसस्टैंड के अंदर खड़े अवैध वाहनों को व्यवस्थित किया जाता है न ही हाइवे पर खड़े होने वाले वाहनों को अंदर भेजन के लिए।
– बसस्टैंड के चारों और अवैध गुमठियों और टीनशेड से वाहन पार्किंग का आधा हिस्सा दबा
– बसस्टैंड के मुख्य द्वार पर दिनभर खड़े रहते हैं अवैध ठेले और दोपहिया वाहन
– पार्किंग की जगह नहीं मिलने और एजेंटों के दबाव में कई यात्री बसें बसस्टैंड के अंदर नहीं जाती
– बसस्टैड पर ऑटो खड़े होने के लिए कोई निर्धारित स्थान नहीं
– बसस्टैंड पर पहुंचते ही ऑटो से घिर जाती है बसें यात्रियों को चढऩे उतरने तक में होती है परेशानी
– बसस्टैड पर यात्रियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं