दरअसल, हाल ही में कुछ नये डॉक्टर्स ने ब्यावरा अस्पताल में ज्वॉइन किया है। इन्हीं में मेडिकल ऑफिसर डॉ. तरुणिमा पटेल कैंसर संबंधित ट्रेनिंग लेकर लौटी हैं। जिनमें उन्हें कैंसर के लक्षण वाले मरीजों को ही देखना है। उनकी काउंसलिंग कर उन्हें चिह्नित किया जाना है। इसके बाद लोकल स्तर पर ही कीमोथैरेपी दी जाएगी। महंगी दरों पर बाजार और निजी अस्पतालों में मिलने वाली यह दवाई सरकारी डिस्पेंसरी में भी मिलने लगेगी। वर्तमान में महज जिला अस्पताल में कीमो की सुविधा है और दवाई भी मिलती है। ब्यावरा पहले सिविल अस्पताल होगा जहां यह सीधे तौर पर शुरू की जाएगी। बता दें कि यहां वे मरीज भी कीमोथैरेपी करा सकेंगे जिनका उपचार बाहर या अन्य अस्पतालों में चल रहा है।
पहले स्टेज में ही उपचार होने लगेगा
शासन की नॉन कम्युनिकेबल डिसिस की श्रेणी में आने वाली ब्लड प्रेशर, शुगर के साथ ही कैंसर भी है। इसी के चलते इसे विशेष तौर पर आगे रखा गया है। जिसमें कैंसर को चिह्नित कर जल्द से जल्द उपचार शुरू करना ही प्राथमिकता रखी गई है। यानि कई बार बीमारी होने के बावजूद कैंसर के मरीजों की काउंसलिंग नहीं हो पाती। या यूं कहें कि उनकी आखिरी स्टेज में जाने के बाद कई बार उपचार शुरू हो पाता, जिससे मरीज को बचाया नहीं जा सकता। शासन की मंशा है कि समय रहते मरीज का पता चले और उन्हें चिह्नित कर उपचार शुरू कराया जा सके, यही प्राथमिकता रखी गई है।
काउंसलिंग, उपचार और परामर्श सबकुछ नि:शुल्क होगा
कीमोथैरेपी को लेकर विशेष ट्रैनिंग प्राप्त कर लौटीं डॉ. तरुणिमा बताती हैं कि मरीजों की काउंसलिंग हमारा प्राथमिक काम है। जिसमें हम काउंसलिंग, उपचार के साथ ही नि:शुल्क परामर्श भी देंगे। कीमो इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है, जिसका एक रोटेशन होता है। कई मरीजों को सिर्फ कीमो के लिए ही इंदौर, भोपाल या मुबंई जाना पड़ता है। पहली स्टेज वालों के साथ ही आखिरी में भी तीन सप्ताह तक कीमो दी जाती है। जिसका आखिरी स्टेज में कैंसर होता है उन्हें आखिरी तक कीमो दी जाती है। इसलिए सिविल अस्पतालों में भी यह सुविधा शुरू की गई है।
इन लक्षणों पर दिखाएं
– आवाज बदलती दिखना
– वजन में लगातार कमी होना
– ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में गठान इत्यादि की जानकारी देना
– मुंह में लंबे समय तक छाले रहना
सभी जगह प्रचार कराएंगे
प्रचार-प्रसार के माध्यम से बताया जाएगा कि अब सीएच स्तर पर भी कीमो की सुविधा मिलने लगेगी। सेक्टर की टीमों और सीएचओ को निर्देशित करेंगे कि वे लक्षणों के आधार पर मरीजों को चिह्नित कर हायर सेंटर भेजें।
-डॉ. दीपक पिप्पल, सीएमएचओ, राजगढ़
कीमोथैरेपी देना शुरू करेंगे
सिविल अस्पताल स्तर पर हम कीमोथैरेपी देना शुरू करेंगे। इसके लिए संबंधित मरीज को पहले हम अर्ली स्टेज में पता करेंगे कि बीमारी है या नहीं? फ्री में भी सुविधा मिलेगी।
-डॉ. तरुणिमा पटेल, मेडिकल ऑफिसर, ब्यावरा