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राजगढ़

जब पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, जानिए फिर क्या हुआ…

पुलिस पर लगाए आरोप, कांग्रेसियों ने ट्रेन से कटे युवक का शव हाईवे पर रख किया चक्काजाम

राजगढ़Nov 04, 2017 / 07:48 pm

दीपेश तिवारी

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राजगढ़। ब्यावरा में ट्रेन से कटे एक युवक के परिजनों ने कालीपीठ पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया कि न सिर्फ पुलिस ने हमारे साथ मारपीट की बल्कि ***** कर पेट्रोल भी डाला। इसी को लेकर युवक का शव लेकर परिजनों ने एनएच-3 राजगढ़ चौराहा पर ***** जाम कर दिया। परिजनों के समर्थन कांग्रेसी भी उतर आए और पुलिस को कोसने लगे।
दरअसल, ब्यावरा अजनार पुल के रेल्वे ट्रेक पर रामलाल पिता नानजी रुहेला (27) निवासी महाबल थाना कालीपीठ का शव संदिग्ध अवस्था में मिला। सिर धड़ से अलग हो चुका था, सिविल अस्पताल में उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। बाद में पहुंचे गांववालों और परिजनों ने आरोप लगाया कि उसे दो दिन पहले ही एक हत्या के मामले में पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। इसके बाद वह बीती रात को ही वहां से भाग निकला, इसके बाद रेल्वे ट्रेक पर उसका शव मिला। जीआरपी के अनुसार संभवत: रात में गुजरी इंदौर-देहरादून एक्सप्रेस से वह कटा।
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला स्पष्ट हो रहा लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि उसके साथ पहले मारपीट हुई और बाद में उसे ट्रेन के आगे फेंक दिया गया। इस दौरान मृतक के परिजनों और महाबल गांव के लोगों के साथ कांग्रेसियों ने भी प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन को जमकर कोसा। जिला कांगेस अध्यक्ष रामचंद्र दांगी, राजगढ़ के पूर्व विधायक प्रताप मंडलाई, बापूसिंह तंवर, राजेंद्रङ्क्षसह कीलखेड़ा, मोना सुस्तानी सहित अन्य कांग्रेसी डटे रहे।
बाल उखाड़े, लेटा-लेटाकर मारा

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि बीते दिनों एक महिला की पांव काटकर हुई हत्या के मामले में कालीपीठ पुलिस करीब 20 से 25 लोगों को उठा चुकी है। सभी ने पुलिस पर धमकाने, मारपीट करने और बर्बरता के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने किसी के बाल उखाड़ लिए, किसी को ***** कर दिया। किसी को लेटा-लेटाकर भी मारा। रामलाल को भी पूछताछ के लिए पकड़ा था और मारपीट गई गई थी।
कार्रवाई के लिए अड़े रहे

करीब चार से पांच घंटे चौराहे पर शव रख किए गए प्रदर्शन के दौरान मृतक के परिजन और कांग्रेसी कार्रवाई के लिए अड़े रहे। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस मनमानी उतर आई है। पहले बेवजह मारती है और फिर इस तरह से उन्हें बेबस कर दिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। कालीपीठ थाने के पूरे स्टॉफ को सस्पेंड करने की और मृतक के परिजनों को 25 लाख के मुआवज की मांग पर डटे रहे।
मजिस्ट्रियल जांच पर मानें

प्रदर्शन के दौरान पहले एसडीएम अंजली शाह, एसडीओपी जे. पी. मिश्रा ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानें। इसके बाद करीब डेढ़ घंटे बाद एडीशनल एसपी पहुंचे लेकिन उनकी बात पर भी कांग्रेसी नहीं मानें। आखिरकार चार घंटे बाद पहुंचीं एसपी सिमाला प्रसाद ने उन्हें आश्वस्त किया कि उचित कार्रवाई करेंगे। कांग्रेसियों ने तमाम लोगों के मेडिकल करवाने और पूरे मसले की मजिसिट्रयल जांच की मांग की। इस पर एसपी ने उन्हें नियमानुसार कार्रवाई के लिए आश्वास्त किया।
एसपी बोलीं : इतना बड़ा मामला नहीं

भले ही चार से पांच घंटे चक्काजाम से सैंकड़ों वाहन चालक परेशान हुए हों, पुलिस पर तरह-तरह के आरोप लगे हों या फिर लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित हुई हों लेकिन एसपी को लगता है यह पूरा मामला इतना बड़ा नहीं है। जब मीडिया ने एसपी से बात करना चाही तो उन्होंने एडीशनल एसपी आर. एस. प्रजापति को यह कहते हुए मना कर दिया कि आप बात कर लीजिए यह इतना बड़ा मामला नहीं।

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