दरअसल, टोल पर गाड़ी निकालने की बाद पर उक्त विवाद हुआ। कहा जाता है कि ब्यावरा के कुछ बीजेपी नेता गाड़ी फ्री में निकालने की बात कर रहे थे। कुछ का कहना था कि आस-पास के खेत व गांवों में जाने वालों के लिए व्यवस्था की जाए, टोल मैनेजर का कहना था कि ऐसा कोई नियम नहीं है।
आप लोग अंदर आइए बात करते हैं, लेकिन इसी बात को लेकर उनमें विवाद हो गया। टोल कर्मचारी ने देहात थाने में मैजेनर और टोल कर्मी को अगुवा करने और मारपीट करने संबंधी आवेदन दिया है कि 16 अगस्त को शाम 5.40 बजे ब्यावरा के नवागत अध्यक्ष प्रतिनधि पवन कुशवाह, इसी चुनाव में वार्ड-12 से पार्षद के प्रत्याशी रहे गोपाल अग्रवाल, अजय ठाकुर और कुछ 20-30 लोग टोल पर पहुंचे।
मैनेजर से गाली गलौज की और टोल से गाड़ी में डालकर ले जाने की कोशिश की। टोलकर्मी दीपक पिता प्रेमनारायण दांगी निवासी खजूरिया के साथ भी लट्ठ से मारपीट की गई। सभी कर्मचारियों से विवाद किया और बोले कि सभी गाड़ियां फ्री में निकालें, कोई टोल नहीं लगेगा। आवेदन पर देहात पुलिस जांच कर रही है।
बैठक में कुछ गाड़ियां निकालने का फैसला
उक्त पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय प्रशासन ने संबंधित बीजेपी नेताओं और टोलकर्मी के साथ बैठक ली। इसमें बात सामने आई कि कोई नियम गाड़ी निकालने का नहीं है। इधर, बीजेपी नेताओं का कहना था कि आस-पास के खेत वाले, गांव वाले रोज-रोज कैसे यह खर्च वहन करेंगे? यही बात करने हम गए थे लेकिन टोल कर्मियों ने दादागीरी की, ये लोग आए दिन दादागीरी करते हैं।
बीआरसी भवन में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि कुछ वाहनों को यहां से निकलने की अनुमति दे दी जाएगी। इस बीत पर सहमति भी बन गई। मामले में टोल मैनेजर अभीजित सिंह का कहना है कि हमने थाने में आवेदन दिया है। मामला सुलझा लिया है।
आवेदन जांच में लिया है
टोल पर विवाद की सूचना मिली थी, वहां गाड़ी निकालने की बात पर विवाद हुआ। हमें टोल मैनेजर ने आवेदन दिया है, जिसकी जांच की जा रही है। जो भी नियमानुसार होगा कार्रवाई की जाएगी।
– रामकुमार रघुवंशी, थाना प्रभारी, देहात ब्यावरा
मैं वहां नहीं था
मैं वहां नहीं था, पौधारोपण में था। टोल वाले बदतमीजी कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री की गाड़ी के आगे भी डंड़ा पटक दिया था। हमने इसी का विरोध किया था। आधार कार्ड दिखाने पर टोल नहीं लगेगा, ऐसा तय हुआ है। ब्यावरा लोकल की गाडियां निकालने का बोला गया है।
– पवन कुशवाह, अध्यक्ष प्रतिनिधि, नपा ब्यावरा