यही नहीं उन्होंने राजगढ़ के साथ भोपाल लोकसभा क्षेत्र में भी कांग्रेसियों से भोपाल आकर काम करने के लिए कहा था। साथ ही यह भी कहा कि 12 मई से पूर्व राजगढ़ वापस आ जाए। लेकिन एक अप्रैल को मप्र कांग्रेस कमेटी के राजीव सिंह द्वारा जारी एक पत्र ने कांग्रेसियों को संशय में लाकर खड़ा कर दिया। जहां सभी कांग्रेसियोंं को मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया कि कोई भी कार्यकर्ता अपना क्षेत्र छोड़कर बगैर अनुमति दूसरी जगह प्रचार-प्रसार के लिए नहीं जाएगा। यदि ऐसा कोई करता है तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस पत्र ने एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को गर्म कर दिया है।
कई कांग्रेसी पहुंचेंगे भोपाल…
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र दिग्विजयसिंह का गढ़ माना जाता है और यहां हर कांग्रेसी के दिग्विजयसिंह से सीधे संबंध है। दिग्विजयसिंह भोपाल से प्रत्याशी है। ऐसे में कांग्रेसी राजगढ़ के साथ ही भोपाल में भी प्रचार-प्रसार के लिए पहुंचेंगे। यह अपील न सिर्फ दिग्विजयसिंह ने की बल्कि कार्यकर्ता सम्मेलन में लगभग सभी बड़े पदाधिकारियों ने मंच से भोपाल की जीत के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही।
दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया…
कांग्रेस ने भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस ने भोपाल से इस बार भाजपा को टक्कर देने के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि दिग्विजय के चुनाव में आने से भाजपा के लिए भोपाल की सीट एक कड़े मुकाबले का रूप ले सकती है।
जानकारों के अनुसार भोपाल से कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बीजेपी में उथल-पुथल शुरू हो गई है। वहीं अब इस सीट पर टक्कर को देखते हुए भाजपा ने अभी तक अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है।