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राजगढ़

लागू होते ही शुरू हुआ ई-अनुज्ञा का विरोध, खरीदी बंद करने की चेतावनी

एक जुलाई से लागू कर दी गई है ई-अनुज्ञा, तमाम प्रकार की गड़बडिय़ों पर अंकुश लगाने शुरू की गई व्यवस्था, व्यापारी बोले- काफी जटिल है प्रक्रिया

राजगढ़Jul 04, 2019 / 12:23 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

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ब्यावरा.कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा।

ब्यावरा. कृषि मंडियों Krishi Mandi में गड़बडि़य़ां रोकने, व्यवस्थाएं हाईटैक करने और तमाम जानकारियां ऑनलाइन online करने के लिए एक जुलाई से शुरू हुई ई-अनुज्ञा का विरोध protest फिर से शुरू हो गया है। पिछली बार किए गए विरोध के बाद प्रदेशभर में इसे टाल दिया गया था, लेकिन इस बार जुलाई से यह लागू हो जाने के बाद फिर से व्यापारियों ने विरोध शुरू किया है।


दरअसल, जबलपुर, कटनी और सतना मंडियों में कामकाज बंद करने के बाद ब्यावरा मंडी व्यापारी एसोसिएशन ने भी सचिव को ज्ञापन सौंपा है। इसमें मांग की गई है कि रोजाना जानकारी कम्प्यूटर पर डाल पाना मुश्किल है। पुराने मुनिम कम्प्यूटर का काम नहीं जानते। वहीं, देर रात तक खरीदी चलती है ऐसे में रात में अनुज्ञा पत्र लेने के लिए भुगतान पत्रक की प्रविष्टि रात में कैसे मिलेगी? भुगतान पत्रक के बिना अनुज्ञा पत्रक नहीं मिलेगा और इसीलिए व्यापारी काम नहीं कर पाएंगे। व्यापारी एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि सात जुलाई तक ई-अनुज्ञा के जटिल बिंदुओं पर निर्णय नहीं लिया गया तो इसके बाद हम काम बंद कर देंगे, नीलामी नहीं की जाएगी।

परेशानी नहीं काम आसान करेगी ई-अनुज्ञा
व्यापारियों के विरोध पर मंडी बोर्ड ने दावा किया है कि इससे न सिर्फ मंडी का काम आसान होगा बल्कि व्यापारियों की फजीहत भी कम हो जाएगी। ऑनलाइन डाटा की जानकारी देने के बाद व्यापारी कहीं से भी ई-अनुज्ञा पत्र ले सकते हैं उन्हें मंडी तक आने की जरूरत नहीं है। इसके लिए शर्त सिर्फ यही है कि मंडी शुल्क पूरा जमा होने के बाद ही आगे की प्रोसेस होगी। कम्प्यूटर पर हर दिन की जानकारी होने से मंडी बोर्ड की साइड में अलग-अलग मंडियों की विस्तृत जानकारी अपलोड हो पाएगी, इससे काफी फायदा होगा।

 

…और किसानों को फायदा, रूकेंगी टैक्स चोरी
मंडी बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी कुछ लोग किसानों की उपज खरीदकर फर्जीवाड़ा कर भाग जाते थे उस पर भी ई-अनुज्ञा से अंकुश लगेगा। ऑनलाइन पोर्टल पर अनुज्ञा पत्र तब तक जारी नहीं होगा जब तक कि पूरा मंडी शुल्क जमा नहीं हो गया हो। साथ ही संबंधित किसान का भुगतान भी पूरा न हुआ हो। इससे किसान भी सुरक्षित रहेंगे और मंडी में आए दिन होने वाली गेट पास की गड़़बड़ी, टैक्स चोरी सहित अन्य धांधलियों पर भी अंकुश लगेगा। उल्लेखनीय है कि ब्यावरा मंडी में एक जुलाई से ही ई-अनुज्ञा लागू हो चुकी है। उसी का विरोध व्यापारियों ने किया है।

 

मंडी कर्मचारी भी नहीं कर पाएंगे गड़बड़ी
एमडी का कहना है कि अभी तक शिकायतें आती थी कि मंडी में आने वाली उपज की एंट्री, स्टॉक इत्यादि में कर्मचारी खुद गड़बड़ी कर देते थे। जिनती मात्रा में माल आता है उसमें से कम ही मंडी में शो होने देते थे और उससे ऊपर का खुद रखकर व्यापारियों से सांठगांठ कर लेते थे। साथ ही फर्जी गेट पास, मंडी शुल्क कम-ज्यादा इत्यादि में मंडी कर्मचारी हस्तक्षेप कर लेते थे लेकिन अब तमाम प्रक्रिया ऑनलाइन दर्ज होने के बाद यह अनुज्ञा पत्रक जारी होगा। इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का अंदेशा नहीं रहेगा।

हम व्यापारियों से बात करेंगे
ब्यावरा मंडी में ई-अनुज्ञा शुरू कर दी गई है। जो व्यापारी इसमें विरोध कर रहे हैं उनके साथ बैठक लेकर बात की जाएगी। जहां जिस बिंदू में दिक्कत है उस पर चर्चा करेंगे लेकिन मंडी के कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-अनुज्ञा जरूरी है जो कि लागू रहेगी।
जी. एल. दांगी, प्रभारी सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा

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