जिस समय जाम लगा था। मंडी में ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे कमल यादव पर ५०० रुपए लेने के बाद पर्ची काटने के आरोप लगे। देखते ही देखते किसानों ने उसे मारने के लिए दौड़ लगा दी। ऐसे में वह मंडी से भाग खड़ा हुआ। जिसके बाद मंडी में भी अफरा-तफरी मच गई।
मृतक ओमप्रकाश के पिता भाजपा से पूर्व में पार्षद रहे है और खुद ओमप्रकाश भाजपा का कार्यकर्ता था। वहीं यदि आर्थिक स्थिति की बात करें तो क्षेत्र के बड़े किसानों में इनका नाम आता है। जानकारी लगने के साथ ही ओमप्रकाश के घर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और माहौल पूरा गमगीन था।
दिनभर पर्ची मिलने का करता रहा इंतजार
मृतक ओमप्रकाश के परिजनों की माने तो तीन दिन पहले उनकी पर्ची मिली थी। जिसके बाद अपनी फसल के तौल का इंतजार करते-करते तीसरा दिन आ गया। हालांकि मंगलवार की दोपहर में फसल का तोल हो गया था। ऐसे में तोल की पर्ची के लिए वह इंतजार कर रहा था। मंगलवार के तापमान की यदि बात करें तो ४५.०६ था। जो इस साल का सबसे ज्यादा तापमान रिकार्ड किया गया। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि ओमप्रकाश की मौत गर्मी के कारण हुई है, लेकिन यह फाइनल पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
जयपुर-जबलपुर हाइवे पर लगाए गए जाम के बाद दोनों तरफ से आ रहे वाहनों की लंबे कतारे लग गई। यह हाइवे काफी व्यस्तम हाइवे में से एक है। ऐसे में कुछ ही समय में दो से तीन किमी तक वाहन खड़े हो गए। प्रशासन ने किसानों को उग्र देख और वाहनों को नरसिंहगढ़ से दूर रूकवा दिया। वहीं यात्री वाहन अन्य रास्तों से निकाले गए।
अव्यस्थाओं का लगाया आरोप
खरीदी की शुुरुआत से ही कुछ मंडियों में गड़बड़ी की हर दिन शिकायत आ रही है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई की यदि बात करंे तो सिर्फ एक सर्वेयर को हटाया गया। जबकि नरसिंहगढ़, खुजनेर और जीरापुर जैसी मंडी में हर दिन विवाद की स्थिति बनती है। यहां फसल तुलने से पहले किसानों के लगातार आरोप लग रहे है कि लेनदेन के बगैर फसल नहीं तुलती। सभी अधिकारी भी इन आरोपों से परिचित है। अपने निरीक्षण में कलेक्टर खुद इस बात को कहते आए है कि तौल कांटे बढ़ाए जाए, लेकिन जानबूझकर किसानों को परेशान करने के लिए कांटे नहीं बढ़ाए जा रहे।
गिरीश भंडारी, विधायक नरसिंहगढ़