राजगढ़. शिक्षा का नवीन सत्र शुरू हो गया है। अभी भी ऐसे जिले में 39 स्कूल हैं। जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है। ऐसे में उन स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी। यह चिंता का विषय है। इन स्कूलों में 24 प्राइमरी और 15 मिडिल स्कूल शामिल हैं। जिनमें स्कूल में पढऩे के लिए बच्चे तो दर्ज है। लेकिन पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक नहीं है। पिछले वर्ष इन स्कूलों में अतिथियों की व्यवस्था कर रखी थी। लेकिन इस साल अतिथि शिक्षक रखने का भी कोई प्रावधान फिलहाल नहीं है।
आरटीई के तहत जिस स्कूल में बच्चों की संख्या दर्ज है। उन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है। जिले में अभी भी प्राइमरी के 24 और मिडिल के 15 स्कूल ऐसे हैं, जो शासन द्वारा खोल तो दिए गए। लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। हर साल इन स्कूलों में अतिथि की नियुक्ति के बाद ही बच्चों की पढ़ाई होती है।
ऐसे में शासन द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद भी शिक्षा का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा। क्योंकि आधा सत्र बीत जाने के बाद इनमें अतिथि नियुक्त होते है और वह भी कभी जाते है और कभी नहीं। जिस तरह 37 स्कूलों में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है। उसी तरह ऐसे भी स्कूल है जिनमें सिर्फ एक शिक्षक ही नियुक्त किया है। जब यह शिक्षक अवकाश पर होता है तो इन स्कूलों के बच्चे भी छुट्टिया मनाते है। ऐसे प्राइमरी में 161 और मिडिल में 158 स्कूल हैं।