भले ही मंडी बोर्ड ने कार्रवाई के निर्देश दे दिए हों लेकिन अभी से इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप की बू आने लगी है। इससे पहले फर्जी गेट पास और 30 लाख की टैक्स चोरी में भी रसूखदारी और राजनीति हावी रही। इसीलिए इस केस में भी राजनीतिक लोग अपने चेहेतों को बचाने मैदान में आ गए हैं। अंदरूनी सपोर्ट उन्हें किया जा रहा है। अब देखना यह है कि इसमें किस हद तक निष्पक्ष जांच होगी, जो वाकई में दोषी है उन पर भी कार्रवाई होगी या हर बार की तरह ऐसे ही कागजी खानापूर्ति बनकर एमडी के निर्देश रह जाएंगे?
इधर, तीन साल से कागजों में दबी पड़ी ३० लाख रुपए की टैक्स चोरी की फाइल अब डिप्टी डायरेक्टर से मंडी डायरेक्टर के पास पहुंची है। साथ ही फर्जी गेट पास की आड़ में देशभर में निकाली जा रही गाडिय़ों के मामले में भी मंडी डायरेक्टर ने संज्ञान लिया है, संबंधित थाने को इस संबंध में दोबारा लेटर लिखा जाएगा और धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज संबंधी एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
भावांतर योजना में अवकाश के दिन 209 फर्जी पंजीयन की जांच करने हम लोग आए थे। हम यहां एक-एक कागजात और पोर्टल खंगाल रहे हैं। इसमें जो भी खामी होगी और वास्तविक तौर पर जो दोषी होगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। हालांकि प्रथम दृष्टया 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं।
– आर एस साकेत, ऑडिटर, कृषि विपणन बोर्ड, बोपाल