बैंक वाले राशि निकालने में न सिर्फ आना-कानी कर रहे हैं बल्कि उन्हें समझाइश भी नहीं दे रहे। ऐसे में उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने बीमा राशि सीधे काटने का भी आरोप लगाया है, लेकिन विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिक पुराने ओव्हरड्यू खातों में से राशि काटने का अधिकार बैंकों को है। बैंक के सामने काफी देर चले हंगामे के बाद किसान एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
किसानों का आरोप- बैंक में ही काट रहे बीमा राशि
हंगामा कर रहे किसानों ने आरोप लगाया है कि हमारी बीमा राशि में से बैंक वाले बकाया रुपए काट रहे हैं। जिन किसानों का केसीसी बकाया है उस राशि के साथ ही इस बार लिए गए खाद बीज की राशि भी काटी जा रही है। जबकि शासन के निर्देश हैं कि किसानों की बीमा राशि में से इस बार की बकाया राशि न काटी जाए। इसके अलावा बैंक वाले न ढंग से बात करते हैं न ही रुपए निकालते।
नहीं हो रहे पंजीयन, भटक रहे किसान
किसानों ने सीसीबी में ही बैठे बेलास सोसायटी के ऑपरेटर पर पंजीयन नहीं करने का आरोप लगाया है। ऑपरेटर ने किसानों को यह कहते हुए मना कर दिया कि मेरे पास अन्य गांवों का भी काम है, ऐसे में मैं पंजीयन नहीं कर सकता। 20 सितंबर तक होने वाले पंजीयन के लिए किसान परेशान हैं। उधर, विभाग ने स्पष्ट किया है कि मंगलवार से ब्यावरा मंडी, मार्केटिंग सोसायटी में भी पंजीयन का काम शुरू कर दिया गया है।
ताला लगाने की कोई सूचना नहीं मिली हमें। जहां तक बीमा राशि काटने की बात है तो ओव्हरड्यू पुराने खाते के बकाया काटे जा सकते हैं। हां इस बार (2018) के लिए खाद-बीज का बकाया जो काट लिया था वह हम लौटा रहे हैं। जहां तक बाद पंजीयन की है तो सीसीबी के साथ ही मंडी और मार्केटिंग सोसायटी में भी अब पंजीयन शुरू हो गए हैं।
-आरएस गौर, सहाकारिता आयुुक्त, राजगढ़
नहीं हमारी बैंक वालों ने कोई ताला नहीं लगाया, किसानों को क्यों नहीं मिल रही राशि, मुझे जानकारी नहीं। पंजीयन के लिएहमने केंद्र बढ़ाएहैं, मैं अभी एक मीटिंग में व्यस्त हूं बाद में बात करता हूं।
-विशेष श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, सीसीबी, राजगढ़