scriptयहां सबकी मनोकामनाएं हो जाती हैं पूरी, इसलिए कहते हैं मनकामेश्वर महादेव | Mankameshwar Mahadev is the ancient Shiva temple in Bakheed village. | Patrika News
राजगढ़

यहां सबकी मनोकामनाएं हो जाती हैं पूरी, इसलिए कहते हैं मनकामेश्वर महादेव

गांव के बुजुर्ग बताते है कि यह भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग शिव प्रतिमा की स्थापना किसी के भी द्वारा नहीं की गई है….

राजगढ़Aug 07, 2022 / 05:28 pm

Ashtha Awasthi

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Mankameshwar Mahadev

बखेड़। राजगढ़ विकासखण्ड के पांच हजार आबादी वाले बखेड़ गांव में प्राचीन शिव मंदिर है। यह आने से भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। यही कारण है कि उन्हें मनकामेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। पवित्र सावन मास में यह रोजाना बड़ी संख्या में रुद्राभिषेक जलाभिषेक के साथ श्रंगार पूजन चलता रहता है, वर्षभर विभिन्न प्रकार के आयोजन होते है। मंदिर इतिहास के बारे में गांव के बुजुर्ग बताते है कि यह भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग शिव प्रतिमा की स्थापना किसी के भी द्वारा नहीं की गई है।

बुजुर्ग बताते है कि पहले यहां एक पेड़ था उसमें यह प्रतिमा उत्पन्न हुई थी। हमारे सामने यह एक छोटा सा मंदिर बना। फिर यहां विधिवत पूजा होने लगी। मंदिर पुजारी के अनुसार जो भी भक्त अपनी पूरी श्रद्धा से मनोकामना करता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। उल्लेखनीय है कि यह शिवलिंग जमीन से नीचे स्थापित है। मंदिर निर्माण के समय शिवलिंग में कोई परिवर्तन नही किया गया। जब जब अल्पवर्षा होती है। यह फिर गांव में किसी प्रकार संकट होता गए तब यह ग्रामीणों द्वारा भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को जल से पूरा भर दिया जाता है, लेकिन प्रतिमा उसमे डूबती नहीं है। प्रतिमा डुबाने के बाद यह कहते हैं कि फिर बारिश होती है।

कल है सावन का आखिरी सोमवार

पंचांग के अनुसार सावन का आखिरी सोमवार 8 अगस्त 2022 को है. इस दिन एक नहीं कई शुभ संयोग बनने जा रहे हैं, जो इस दिन के धार्मिक महत्व को बढ़ा रहे हैं। आखिरी सोमवार को श्रावण यानि सावन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन संतान के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु से उन्नति, संपन्नता की कामना की जाती है. यानि इस दिन भगवान शिव के साथ साथ विष्णु जी की भी पूजा का उत्तम संयोग बना है.आखिरी सोमवार को श्रावण यानि सावन की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन संतान के लिए व्रत रखकर भगवान विष्णु से उन्नति, संपन्नता की कामना की जाती है. यानि इस दिन भगवान शिव के साथ साथ विष्णु जी की भी पूजा का उत्तम संयोग बना है।

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