मनरेगा योजना के तहत जनपद के माध्यम से इन कार्यों को कराया जा रहा है। जिसकी मानीटरिंग न सिर्फ रोजगार सहायक, पंचायत सचिव को करना है बल्कि इंजीनियरों को भी नियमित इन कामों को देखने जाना है। वहीं सीईओ जनपद हो या जिला पंचायत इनको भी समय-समय पर कामों का निरीक्षण करना है, लेकिन यहां अधिकारी कार्यालय से बाहर नहीं निकल रहे और इंजीनियर व पंचायत के रोजगार सहायक व सचिव की मिलीभगत से जमकर मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।
दो गांवों की फोटो पहुंची कार्रवाई कुछ नहीं
जेसीबी से तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी शिकायत सीईओ जिला पंचायत ऋषभ गुप्ता को की गई। जिसमें उन्हें निर्माण के दौरान जेसीबी के फोटो भी उपलब्ध कराए गए, लेकिन दोनों ही मामलों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में मजदूरों के साथ होने वाले न्याय की उम्मीद किससे की जाए।
पोलाखेड़ा पंचायत
जीरापुर जनपद के तहत आने वाले पोलाखेड़ा पंचायत का है। जहां ग्रामीणों ने साक्ष्य के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराई। जिसमें तालाब की खुदाई में उपयोग हो रहे जेसीबी का फोटो भी जनपद से लेकर जिला पंचायत तक दिया।
भिंयापुरा पंचायत
भिंयापुरा पंचायत में खोदे जाने वाले तालाब में जेसीबी से रात के अंधेरे में तालाब खोदा जा रहा था। एसडीएम के माध्यम से सूचना कालीपीठ पुलिस को दी गई। मौके पर जेसीबी से खुदाई के निशान मिले, लेकिन मौका देखकर जेसीबी गायब हो गई।
सुआहेड़ी पंचायत
राजगढ़ जनपद की सुआहेड़ी पंचायत में चार दिन पहले जेसीबी से तालाब की खुदाई की गई। इस मामले की सूचना भी जनपद तक पहुंची, लेकिन जब मामला सांठगांठ से निपटाया जा रहा हो तो कोई देखने भी नहीं पहुंचा।
कुशलपुरा पंचायत
खिलचीपुर जनपद में आने वाले कुशलपुरा में शासकीय तालाब का निर्माण जेसीबी से कराया गया। इसकी शिकायत लेकर ग्रामीण मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचे और उन्होंने एडीएम के सामने अपनी शिकायत रखते हुए जांच की मांग की।
मुझे ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। राजगढ़ जनपद में संबंधित गांव की जांच के लिए बोलती हूं।
रोशाली पोसर, जनपद सीईओ राजगढ़