नॉन हां बोले तो हम दे दें राशि : मंडी प्रशासन: इधर, मामले में मंडी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हम सिर्फ खरीददार एजेंसी थे, जो कि शासन स्तर पर खरीदी कर रहे थे। मुख्य जिम्मेदार विभाग नॉन ही है, उनके कहने पर ही हमने व्यापारियों से बोली लगवाई थी। अगर नॉन वाले निर्देश देंगे और व्यापारी का पूरा रिकॉर्ड ठीक होगा तो हम राशि दे देंगे, इससे पहले भी कुछ व्यापारियों को यह डिपोजिट राशि दे चुके हैं, लेकिन इसके लिए नॉन वाले की अनुमति होना जरूरी है।
‘आपके पैसे डूब चुके हैं, हम कुछ नहीं कर सकते’
व्यापारियों ने आरोप लगाया कि नॉन के जिला प्रबंधक बीएम गुप्ता सीधे मुंह बात नहीं करते। उनसे जब इस राशि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि आपके पैसे डूब चुके हैं हम कुछ नहीं कर सकते। व्यापारियों द्वारा कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई हल नहीं निकाल पाया है। प्रबंधक न फोन उठाकर व्यापारियों को जवाब देते हैं न ही उनके पैमेंट के संबंध में कोई मदद करते हैं। ऐसे में व्यापारी जिनके पैसे अटके हैं वे परेशान हैं।
क्या करूं भैया पैमेंट का, मंडी वालों को दिए तो उन्हीं से बात कीजिए? अभी मैं बात नहीं कर सकता, आज छुट्टी है मैं कल बात करूंगा। पैमेंट का मैं ज्यादा कुछ नहीं बता सकता।
-बीएम गुप्ता, जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति निगम, राजगढ़
नीलामी मंडी में जरूर हुई थी, लेकिन सारी जवाबदारी नॉन की है। राशि उनकी है, प्याज उनका है। वे अगर बोलेंगे तो हम राशि दे देंगे, लेकिन उनकी अनुमति होना जरूरी है।
-आरके रावत, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा