जिले में हेलमेट नहीं पहनकर तोड़े जाते हैं सबसे ज्यादा नियम, ब्यावरा में पुलिस हटते ही रेड सिग्नल तोड़ जाते हैं लोग
ब्यावरा. ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करके भी हम हादसों को न्यौता देते हैं। शासन, पुलिस द्वारा बनाए गए नियमों को तोडऩे में यह जिला काफी आगे है। इसी कारण हादसों की संख्या बढ़ती है।
जिले में सर्वाधिक ट्रैफिक नियम हेलमेट नहीं पहनकर तोड़े जाते हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान ही चालान बनकर रह जाते हैं और बाकी समय में सरेआम नियमों का उल्लंघन किया जाता है। दरअसल, अकेले ब्यावरा थाने में वर्ष-2019 में बनाए गए चालानों में सर्वाधिक संख्या हेलमेट की है। न पुलिस इसे लेकर सख्त हो पाई और न ही यह लोगों की आदत में आया। साथ ही जिले के एक मात्र शहर ब्यावरा में हाल ही में लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल को भी कोई समझने को तैयार नहीं है।
सिग्नल तो लगा दिए गए हैं लेकिन पर्याप्त पुलिस बल नहीं होने से जैसे ही चौराहा खाली दिखा लोग सिग्नल क्रॉस करने लगते हैं। ऐसा दृश्य लगभग रोजाना बन रहा है। लोग ट्रैफिक नियम को समझना ही नहीं चाहते, जैसे ही पुलिस सिग्नल से गायब हुई लोग रेड सिग्नल को ही क्रॉस करने में लग जाते हैं।
सुठालिया बाइपास बस स्टैंड क्षेत्र, पीपल चौराहा, मातृछाया कॉम्प्लेक्स के बाहर रोजाना ऐसे ही हालात बन रहे हैं। जिसमें रोजाना ट्रैफिक नियम तोड़े जा रहे हैं, रेड सिग्नल में भी वाहन निकल रहे हैं।
न जेब्रा क्रॉसिंग का दायरा न ही सिंगल वे का ज्ञान ट्रैफिक सेंस के अभाव में लोग इन नियमों का पालन ही नहीं कर पाते। न ही पुलिस इसमें सख्ती दिखा पाती। इसलिए अधिकतर लोगों को प्रमुख चौराहों पर बनाए गए जेब्रा क्रॉसिंग की भी जानकारी नहीं है न ही सिंगल-वे का ज्ञान।
रांग साइड में भी लोग चले आते हैं और इसी कारण बार-बार जाम के हालात बनते हैं। जिस हिसाब के हाईटैक सिग्नल्स लगाए गए हैं उससे आधा भी स्टॉफ ब्यावरा के लिए नहीं दिया गया। इसी कारण ये सिग्नल महज सिंबोलिक बनकर रह गए हैं।
ये हैं ब्यावरा थाने में ट्रैफिक से जुड़े प्रकरणों के हाल- प्रकरण : संख्या : जुर्माना बिना हेलमेट गाड़ी चलाना : 587 : 1,46,750 दो से अधिक लोग बैठाना : 02 : 1000 नो पार्किंग की कार्रवाई : 128 : 64,000 सिग्नल तोडऩा : 08 : 4,000 अन्य 133/177 : 33 : 16, 500 (नोट :ब्यावरा थाने से प्राप्त जानकारी, आंकड़ा वर्ष-2019 के हिसाब से)
ऑटो चालक के साथ ही पढ़े-लिखे जानकर भी सर्वाधिक तोड़ते हैं नियम शहर के पीपल चौराहा, बस स्टैंड, इंदौर नाका सहित अन्य प्रमुख जगह किए गए रेंडमली सर्वे में सामने आया कि अधिकतर वे ही लोग यहां ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए दिखाए देते हैं जो इनके बारे में बेहतर जानकारी रखते हैं।
वहीं, बेहतरतीब चलने वाले ऑटो चालक भी जल्दबाजी में रोजाना ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं। दो पहिया और चार पहिया वाहन पर वे तमाम पढ़े-लिखे और जागरूक लोग भी सिग्नल क्रॉस कर जाते हैं जो बड़े शहरों के नियमों से अच्छे से जानते हैं। हालांकि शहर से लगे आस-पास के ग्रामीण अंचलों से आने वाले लोग भी जानकारी के अभाव में नियम तोड़ते नजर आते हैं।
जागरूकता स्वयं को लाना होगी सिर्फ चालान बनाना हमारा मकसद नहीं है, हम लोगों को जागरूक करना चाहते हैं, उनके दोस्त बनकर। लोगों को खुद की सुरक्षा का ध्यान खुद ही रखना होगा। रही बात पुलिस बल की तो हमने थानों में पर्याप्त बल दे रखा है, वे समय-समय पर न सिर्फ ट्रैफिक सिग्नल का पालन करवाते हैं बल्कि चेकिंग पाइंट्स पर जांच-पड़ताल भी करते हैं। – प्रदीप शर्मा, एसपी, राजगढ़
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