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राजगढ़

न बोनस मिला ना ही भावंातर की राशि का पता

सरकारी योजनाओं से किसानो का हुआ मोहभंग, खरीदी केंद्र बढ़ाने के बावजूद नहीं हो पा रहे अभी तक किसानों के पंजीयन

राजगढ़Feb 25, 2020 / 03:11 pm

Bhanu Pratap Thakur

farmers are not getting good rates for jeera production in jodhpur

जीरे ने फिर बढ़ा दी है किसानों की चिंता, इन फसलों की हालत भी लडख़ड़ाने लगी है

राजगढ़। समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने को लेकर किसानों की जहां पंजीयन को लेकर कतारें लगी रहती थी और कई बार किसानों की भीड़ के चलते उनके प्रदर्शन भी देखने को मिलते थे, अब पंजीयन केंद्रों पर कर्मचारी किसानों का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन वे आसपास भी नहीं भटक रहे। क्योंकि उनका सरकारी योजनाओं से मोहभंग होते नजर आने लगा है।
उल्लेखनीय है पिछले साल हुई खरीदी कि यदि बात करें तो सरकार ने 160 रुपए बोनस के रूप में देने की बात कही गइ थी। लेकिन यह बोनस अभी तक किसानों के पास नहीं पहुंचा है। जबकि भावंातर के दौरान मक्का, उड़द एवं दलहन की राशि का भी पता नहीं है।
ऐसे में पिछले साल की तुलना में अभी 60 प्रतिशत किसानों ने ही अपना पंजीयन कराया है। यह उपज बेचनें कितने किसान पहुंचते हैं यह समय ही बताएगा। क्योंकि पिछले साल जिले में 65 हजार 543 किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। लेकिन जब वह खरीदी केंद्रों में पहुंचे तो उनकी संख्या 30597 ही रह गई।
24 करोड़ से ज्यादा का बोनस बकाया
किसानों द्वारा पिछले साल 153480 मैट्रिक टन गेहूं बेचा गया था। 160 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से यह राशि 24 करोड़ 57 लाख 22 हजार 240 होती है, जो किसानों को अब तक नहीं मिली है। इसको लेकर किसानों ने कई बार कलेक्ट्रेट एसडीएम कार्यालय में बोनस राशि को लेकर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग भी प्रशासन और सरकार तक पहुंचाइ। दोबारा से खरीदी की तैयारियां हो रही है। लेकिन पुराने बोनस का अभी तक कोई पता नहीं है।
सिंचाई का रकबा बड़ा किसान कम हुए
सिंचाई के रकबे की यदि बात करें तो, मोहनपुरा और कुंडलिया जैसे डैमो के निर्माण होने के बाद सिंचाई का रकबा लगभग पिछले सालों की तुलना में डेढ़ गुना हो गया है। किसानों के विक्रय कि यदि बात करें तो उनकी संख्या पंजीयन कराने में बहुत कम नजर आ रही है। लगातार बैठकों में अधिकारी पंजीयन की संख्या बढ़ाने को लेकर ग्रामीण अंचल में जागरूकता को लेकर निर्देश दे रहे हैं फिर भी किसान इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा।
85 रुपए बढ़ाया समर्थन मूल्य
पिछले साल किसानों से जो गेहूं की खरीदी की गइ थी, वह 1850 रुपए में हुई थी। इस बार 85 रुपए और बढ़ाए गए हैं ऐसे में अब यह खरीदी1925 रुपए से होगी। लेकिन पिछले साल 160 जो बोनस देने की बात हुई थी वह अभी तक किसानों को नहीं मिला है।
मोबाइल एप की भी सुविधा
अधिक से अधिक किसानों को समर्थन मूल्य पर लाभ देने के उद्देश्य इस बार सरकार ने काउंटर पर पंजीयन के साथ ही मोबाइल ऐप से भी अधिक से अधिक पंजीयन कराने की योजना बनाई लेकिन वह भी सार्थक साबित नहीं हो रही।
फैक्ट फाइल
पिछले साल खरीदे गेंहू 153465.964मै.ट
पिछले साल सिंचाइ का रकवा95653.39 हैक्टेयर
इस साल सिंचाइ का रकवा 232940 हेक्टैयर
पिछले साल हुए पंजीयन 65543
इस बार अब तक हुए पंजीयन 42000 लगभग
पिछले साल की राशि 1840
इस साल दी किसानों को दी जाने वाली राशि 1925
पिछले साल बनाए गए खरीदी केंद्र 77
इस साल बनाए गए खरीदी केंद्र84
किसानों ने अपनी उपज विभिन्न केंद्रों के माध्यम से बेची थी। समस्त जानकारी शासन को भेजी गई है, जैसे ही यह आएगी किसानों के खाते में डलवाया जाएगा।
– हरीश मालवीय, उपसंचालक कृषि राजगढ़

पंजीयन की तारीख 28 निर्धारित कर रखी है। लेकिन यह हो सकता बड़े। मोबाइल एप के माध्यम से भी किसान तेजी से अपना पंजीयन करा रहे हैं। यह सही है कि पिछले साल की तुलना में कम पंजीयन हुए हैं। लेकिन अब पंजीयन में तेजी आ रही है 42 हजार के लगभग पंजीयन अब तक हो चुके हैं।
– एसके तिवारी, जिला खाद्य अधिकारी राजगढ़

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