ब्यावरा. ई-संचायिका पोर्टल पर बच्चे की उम्र और वजन डालते ही पूरे आहार की जानकारी विस्तार से मिल जाती है। इससे लोगों में
काफी अवेयरनेस आ रही है और पोषण आहार के परामर्श के लिए उन्हें एनआरसी या अस्पताल नहीं जाना पड़ रहा। दरअसल, ई-संचायिका पोर्टल पर स्वास्थ, कुपोषण से जुड़ी अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। इसमें कुपोषित और बीमार बच्चों की डाइट, उनकी खुराक, उनके रहन-सहन और पालन-पोषण का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन दिया गया है। इससे आसानी से ऑनलाइन ही बिना किसी परमार्श के पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
ऐसे सामने आती है पूरी डिटेल
ई-संचायिका पोर्टल पर जाकर ई-लर्निंग ऑप्शन पर क्ली करें। इसके बाद वहां पूछो और जानों ऑप्शन रहेगा। इसमें बच्चों की आयु और आहार के आधार पर जानकारी सबमिट करें। जानकारी सबमिट कनरे के बाद जैसे ही आप क्लीक करेंगे उसमें पूरी जानकारी विस्तार से आजाती है। यदि पूरी जानकारी ऑनलाइन सही अपग्रेड की गईहो तो इसमें अतिरिक्त किसी विशेषज्ञ की सलाह लेने की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा पोर्टल पर गर्भावस्था, शिशु, कुपोषित बच्चों, किशोरी, धात्री माता आदि के आहार की डिटेल भी उपलब्ध रहती है।
जागरुकता का अभाव
पूरे कार्यक्रम में जागरूकता का अभाव चुनौती बना हुआहै। कुपोषण को मिटाने के लिए प्रशासन ने दो माह पहले ही ई-संचायिका की शुरुआत की थी, लेकिन अभी तक आधे से ज्यादो लोगों को इसके बारे में नहीं पता है। भले ही जागरुकता कार्यक्रम और ई-पोर्टल शुरू कर दिएहों, लेकिन लोगों में जागरुकता का अभाव इस पर भारी पड़ रहा है। हालांकि एनआरसी की निष्क्रियता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही के कारण भी कुपोषण का सामना नहीं हो पा रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताबच्चे नहीं लाना चाहतीं और एनआरसी प्रबंधन इस दिशा में कुछसोचने को तैयार नहीं है।