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राजगढ़

Good News- अब किसानों को नहीं लगाने पड़ेंगे पटवारियों के चक्कर

सैटेलाइट से किसान खुद खेत पर जाकर कर सकेंगे फसल की गिरदावरी

राजगढ़Jul 02, 2022 / 11:25 am

दीपेश तिवारी

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राजगढ़@भानु ठाकुर

गिरदावरी को लेकर कभी पटवारियों का गलत जानकारी भर देना या फिर चौराहों पर बैठकर ही इसकी पूर्ति कर देना। कभी प्राइवेट लोगों को लगाकर इसकी भरपाई करने की शिकायत अब बंद हो जाएंगी। कई किसान समर्थन मूल्य के दौरान होने वाले पंजीयन में परेशान होते नजर आते थे, पटवारियों ने भी गिरदावरी करने का विरोध किया।

अब इस तरह की समस्या पैदा ना हो इसको लेकर एक मोबाइल एप तैयार किया गया है। जिसके जरिये किसानों को गिरदावरी के लिए न तो पटवारियों के चक्कर लगाने होंगे और न सर्वे में फसल का गलत आंकलन होगा। किसान एप डाउनलोड करके खुद एप के माध्यम से सैटेलाइट के जरिये अपनी फसल की गिरदावरी कर सकेंगे।

आयुक्त भू अभिलेख मध्य प्रदेश की ओर से इस वर्ष गिरदावरी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई-तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मैप आईटी के द्वारा सेटेलाइट से प्राप्त इमेज के आधार पर किसान से सत्यापन कराते हुए गिरदावरी अभिलेखों में दर्ज की जाएगी। प्रत्येक वर्ष पटवारियों को गिरदावरी करना होती थी परंतु अब किसान स्वयं अपने खेत की गिरदावरी खुद ही कर पाएंगे।
इसके लिए उन्हें एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा। जिसमें सैटेलाइट इमेज के आधार पर फसल दिखाई जाएगी। यदि कृषक एप में दिखाई जाने वाली फसल से सहमत हैं, तो यस कर ओके करेंगे। इसके बाद फसल सर्वर पर अपलोड हो जाएगी।

किसान चुके तो एक निश्चित समय के बाद यह प्रक्रिया पटवारी को करनी होगी

यदि एक निश्चित समय तक कृषक किसी कारणवश गिरदावरी नहीं कर पाते हैं तो पटवारी को अंतिम दिनांक के पूर्व खेत पर ग्राउंड टूथिंग करते हुए सैटेलाइट के आधार पर गिरदावरी दर्ज करना होगी। उक्त प्रक्रिया में तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे कि शत-प्रतिशत गिरदावरी वास्तविक होना है।


सुविधा अच्छी, निर्धारित समय में करना होगा

मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी किसान खुद अपनी गिरदावरी कर सकता है। यह अच्छी सुविधा है लेकिन इसका समय निर्धारित किया गया है, यदि निश्चित समय पर किसान यह गिरदावरी नहीं करते तो पटवारियों का सहारा लेना पड़ेगा।-संजय चौरसिया, भू अभिलेख अधिकारी, राजगढ़

इधर, अब आप बस एक क्लिक में ऐसे निकालें खसरा-खतौनी-बी वन:

मध्यप्रदेश में अब खसरा-खतौनी नक्शा आदि डिजीटल रूप में उपलब्ध हैं. राज्य सरकार के भू-अभिलेख विभाग ने ई-सुविधाओं से ये चीजें बहुत आसानी से उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी हैं। अब एक क्लिक करते ही आपको खसरा,खतौनी व नक्शा डिजीटल रूप में तुरंत उपलब्ध हो जाएगा। लोक सेवा केंद्र से भी इन्हें तुरंत प्राप्त किया जा सकता है।
ऐसे निकालें दस्तावेज
– मध्यप्रदेश में जमीन से संबंधित कागजात निकालने के लिए सबसे पहले भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त विभाग की आधिकारिक वेबसाइट एमपी भू-अभिलेख पर जाना होगा।
– यह वेबसाइट खुलते ही स्क्रीन पर सामने कैटेगरी मेन्यू आएगा।
– इसमें होम, फ्री सर्विसेस (निःशुल्क सेवा), पब्लिक यूजर, ग्रीविएंस, हेल्प सहित कई विकल्प दिखेंगे।
– खसरा/खतौनी के लिए मेन्यू के तीसरे विकल्प ‘फ्री सर्विसेस (निःशुल्क सेवा) पर क्लिक करें।
– यहां क्लिक करते ही एक नए पेज नि:शुल्क सेवा नियंत्रण पर पहुंच जाएंगे।
– इस नए पेज पर बाईं (Left) ओर सबसे ऊपर खसरा/बी-1/नक्शा प्रतिलिपि सहित कुछ विकल्प दिखाई देंगे।
– खसरा विवरण निकालने के लिए इस विकल्प पर आपको क्लिक करना होगा।
– जबकि खसरा/बी-1/नक्शा प्रतिलिपि पर क्लिक आपको एक नए पेज पर ले जाएगी।
– यहां आपको विभिन्न बॉक्स में अपनी जानकारी भरना होगी।
– इसमें जिस जगह का खसरा चाहिए, उस जिले का नाम, फिर तहसील, राजस्व निरीक्षण मंडल, पटवारी हल्का और फिर गांव का नाम लिखना होगा।
– बॉक्स में क्लिक करते ही नाम कई नाम दिखने लगेंगे इसमें से आपको अपने क्षेत्र का सही नाम छांटना होगा।
– पहले उपर की जानकारी भरें इसके बाद यहां आपको नीचे मांगी गई जानकारी भी भरनी होगी।
– अंतिम लाइन में दो विकल्प दिखेंगे, जिसमें से एक में भू-स्वामी और दूसरे में खसरा संख्या लिखा होगा।
– भू-स्वामी पर क्लिक करने के बाद सामने एक नया बॉक्स आएगा, जिसमें भू-स्वामी का चयन करना होगा।
– खसरा संख्या पर क्लिक करने पर आपको खसरा चयन करना होगा।
– इसके बाद सबसे नीचे बने दो बॉक्स दिखेंगे।
– इनमें पहले बॉक्स में नंबर लिखे होंगे और उसके दाईं (right) ओर का बाक्स खाली दिखेगा। यहां आपको नंबर लिखने होंगे।
– अगर नंबर समझ नहीं आएं तो दोनों बॉक्स के बीच में बने हरे निशान पर क्लिक करते हुए आप इन नंबरों को बदल भी सकते हैं।
– इसके बाद आपके द्वारा चाहा गया खसरा विवरण आपको मिल जाएगा और जिसका आप प्रिंट ले सकते हैं।

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