यह है प्रतिबंध का कारण
15 जून से लेकर 15 अगस्त तक मछलियों के प्रजनन का समय होता है, ऐसे में उनकी संख्या अधिक बड़े और मछली पालन जैसे कारोबार को बढ़ाया जाए इसको लेकर यह प्रतिबंध लगाए जाते हैं। प्रतिबंध लगाए तो जाते हैं लेकिन इन्हें तोडऩे के लिए विभाग के ही दलाल मछली विक्रेताओं और ठेकेदारों से सांठगांठ कर यह धंधा जारी रखते हैं।
नियमों के उल्लंघन पर सजा का भी प्रावधान
नियमों के उल्लंघन पर एक वर्ष का कारावास अथवा पांच हजार रुपए का जुर्माना या दोनों एक साथ किए जाने का प्रावधान है। हर साल यह कानून या प्रतिबंध सिर्फ कागज में ही नजर आते है। इस बार मछली पकडऩे के अलावा उसके विक्रय के साथ ही क्रय करने वाले व्यक्ति के साथ ही परिवहन खिलाफ भी कार्रवाई करने के आदेश हुए। लेकिन देखने में आ रहा है की अन्य जगह की तो बात अलग है, जिला मुख्यालय पर ही देखें तो नदी में खुलेआम मछली पकड़ी जा रही है। वहीं मछली मार्केट में भी इनका विक्रय खुलेआम चल रहा है।
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क्या है आदेश
कलेक्टर हर्ष दीक्षित द्वारा 15 जून को जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार 15 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर ही नहीं, बल्कि क्रय विक्रय और परिवहन पर भी रोक लगाई गई है। आदेशो का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।