क्लासेस दूरदर्शन पर चलाई जा रही
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा एक जुलाई से ऑनलाइन एडमिशन किए जाएंगे। साथ ही पुस्तकें भी वितरित की जाएंगी। हालांकि इन पुस्तकों के माध्यम से बच्चे घर पर ही पढ़ाई कर पाएंगे। साथ ही प्रदेश स्तर पर शिक्षा विभाग बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई की सलाह दे रहा है। इनमें 9 से 12 तक के बच्चों के लिए विशेष क्लासेस दूरदर्शन पर चलाई जा रही हैं और प्राइमरी वालों को सोशल मीडिया के जरिए पढ़ाने की योजना है लेकिन फिलहाल स्कूलों को खोलने के लिए कोई प्लान सरकार और शिक्षा विभाग के पास नहीं है। तमाम प्रकार की चुनौतियां उनके समक्ष आ रही हैं जिससे वे स्कूल को सुगमता से खोल नहीं पा रहे।
बच्चों में सोशल डिस्टेंस चुनौतीपूर्ण!
तमाम स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग इन दिनों असमंजस में हैं। उनका मानना है कि स्कूलों में बड़ी संख्या में आने वाले बच्चों में सोशल डिस्टेंस को मैनेज कर पाना इतना आसान नहीं है। सरकारी स्कूलों में वैसे ही बच्चे कम जाते हैं लेकिन बड़ी तादाद में निजी स्कूलों में बस, ऑटो और निजी वाहनों से जाने वाले बच्चों में कोरोना की गाइड लाइन के हिसाब से दूरी रख पाना प्रैक्टिकली संभव नहीं है। इसी कारण यह बड़ी चुनौती बनी हुई है।
निजी स्कूल के पैरेंट्स पर फीस की मार
भले ही स्कूल नहीं खुले हों लेकिन बकाया और वर्तमान नए सेशन की फीस को लेकर निजी स्कूलों की जबर्दस्ती शुरू हो गई है। हालांकि शासन ने ट्यूशन फीस ही जमा करने के निर्देश दिए हैं लेकिन निजी स्कूलों के महंगे खर्च पर खोलने की तैयारी के बीच वे पैरेंट्स पर फीस समय पर जमा करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि फिलहाल कोई स्कूल खुुला नहीं, न ही कोई तैयारी है। लेकिन निजी स्कूलों का तर्क है कि कोरोना की गाइड लाइन यदि हम फॉलो करते भी हैं तो काफी खर्च पढ़ाई के अलावा होगा। जिसकी भरपाई हमें मजबूरन पैरेंट्स से ही करना करना होगी।
निजी स्कूलों में तैयारियां, सरकारी में कोई रणनीति नहीं
स्कूल खोलने को लेकर केरल की शिक्षा पद्धति और विदेशों की क्लासेस के आधार पर निजी स्कूल तैयारियां कर रहे हैं लेकिन सरकारी में ऐसी कोई रणनीति फिलहाल नहीं है।
ऑटोमैटिक थर्मल स्कैनर, पैडल वाले हैंड सैनेटाइजर, फेस शिल्ड सहित अल्टरनेट-डे कम बच्चों को बुलाने की योजना स्कूलों की है लेकिन सरकारी स्कूलों में किसी प्रकार की तैयारियां फिलहाल नहीं की गई हैं। बताया जा रहा है कि जुलाई के आखिर तक तो कुछ भी खुलना संभव नहीं है। आगे भी सरकारी कार्ययोजना, तैयारियों के आधार पर स्कूल खुलेंगे।
स्कूलों को खोलने पर फिलहाल हम विचार कर रहे हैं। अभी बच्चों का भविष्य प्रभावित न हो इसके लिए हम एडमिशन एक जुलाई से शुरू करने जा रहे है। पुस्तकें भी मुहैया करवाएंगे, लेकिन बच्चों को घर ही पढ़ाई करना होगी।
-जयश्री कियावत, कमिश्नर, शिक्षा विभाग, मप्र शासन