दरअसल, संघ कार्यकर्ता सतीश शाक्यवार किसी पुराने विवाद के मामले में थाने गए थे, जहां उनके साथ टीआई ने बदतमीजी की। शाक्यवार का आरोप है कि जब मैं थाने पहुंचा तो टीआई ने कैबिन में बुलाकर मेरे साथ अभद्रता करते हुए कहा कि मैं तुझे उठवा लूंगा, तू मुझे जानता नहीं।
इसी बात को लेकर संघ कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर थाने का घेराव कर लिया। पहले कार्यकर्ता थाने पहुंचे और टीआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सुबह आठ बजे से चला प्रदर्शन दोपहर बाद तक भी चलता रहा।
जिला पंचायत अध्यक्ष सहित नामी भाजपाई भी आम तौर पर सायलेंट रहने वाला आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) पहली बार मैदान में आया। कार्यकर्ता के बचाव में संघ पदाधिकारी रोड पर आकर नारेबाजी करने लगे और टीआई को हटाने की मांग करते रहे। इसके अलावा विरोध में भाजपा के कई नेता भी सामने आ गए। इनमें जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि जसंवत गुर्जर, भाजपा नेता रामनारायण यादव, संघ पदाधिकारी चंद्रकांत त्रिपाठी, धर्मेंद्र शर्मा, दिलवर यादव, विहिप के डॉ. अशोक अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश मंत्री जगदीश पंवार, विष्णु गुप्ता, हिंदू उत्सव समिति के फुलसिंह कुशवाह सहित अन्य डटे रहे और नारेबाजी कर कार्रवाई की मांग करते रहे।
टीआई बोले- नहीं की अभद्रता :
मामले में टीआई रत्नेश यादव ने कहा कि मैंने समझाइश मात्र दी थी, किसी तरह का गाली गलौज या अभद्रता नहीं की। मैं अपनी इकलौती बेटी की कसम खाता हूं कि इस तरह गाली गलौज मैंने नहीं की। मुझ पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। मैंने संघ पदाधिकारी को समझाइश भर दी थी कि हर किसी मामले में बोलना या किसी के भी साथ रहना आपको शोभा नहीं देता।
मामले में टीआई रत्नेश यादव ने कहा कि मैंने समझाइश मात्र दी थी, किसी तरह का गाली गलौज या अभद्रता नहीं की। मैं अपनी इकलौती बेटी की कसम खाता हूं कि इस तरह गाली गलौज मैंने नहीं की। मुझ पर बेवजह दबाव बनाया जा रहा है। मैंने संघ पदाधिकारी को समझाइश भर दी थी कि हर किसी मामले में बोलना या किसी के भी साथ रहना आपको शोभा नहीं देता।
मामला बढ़ा टीआई लाइन अटैच :
ब्यावरा में हुए इस मामले ने विरोध प्रदर्शन के बाद तूल पकड़ लिया, जिसके कारण एडिशनल एसपी को भी मौके पर आना पड़ा। आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन खत्म नहीं करने पर आखिरकार टीआई को लाइन अटैच कर दिया गया है। एडिशनल एसपी की इस कार्रवाई के बाद आंदोलनकर्ताओं ने आंदोलन वापिस ले लिया।
ब्यावरा में हुए इस मामले ने विरोध प्रदर्शन के बाद तूल पकड़ लिया, जिसके कारण एडिशनल एसपी को भी मौके पर आना पड़ा। आंदोलनकारियों द्वारा आंदोलन खत्म नहीं करने पर आखिरकार टीआई को लाइन अटैच कर दिया गया है। एडिशनल एसपी की इस कार्रवाई के बाद आंदोलनकर्ताओं ने आंदोलन वापिस ले लिया।