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राजगढ़

राजस्थान सीमा से आगे रफ्तार नहीं पकड़ पाई रामगंज मंडी लाइन

भूमि-अधिग्रहण के मामले निपटा लिए जाने के बावजूद क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।

राजगढ़May 07, 2019 / 11:24 pm

Praveen tamrakar

patrika news

Beaua. At present, electrification work has been done in Bawaa. The rest of Ramganj Mandi’s work is limited to the survey.

ब्यावरा. पिछले रेल बजट में दो सौ करोड़ रुपए मिलने और बचे हुए भूमि-अधिग्रहण के मामले निपटा लिए जाने के बावजूद क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। राजस्थान सीमा तक आकर थम चुके उक्त प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश के भीतर काम शुरू नहीं हो पाया है। बीते दिनों भोपाल के बैरागढ़ क्षेत्र में काम शुरू होने के बाद बीते कुछ माह से फिर रुक गया है। चुनावी सीजन के चलते बजट पर भी रोक लग गई, इससे अर्थ वर्क का काम भी बीते दिनों रुक गया। जिला स्तर पर किए गए प्रयासों में कमी के कारण भी ऐसी स्थिति बनी है।
प्रशासनिक स्तर पर भूमि-अधिग्रहण सहित अन्य जमीन अलॉटमेंट के अन्य प्रकरणों में लेटलतीफी हुई। इसी कारण प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ पाया। इससे पहले ब्यावरा और नरसिंहगढ़ के करीब 36 गांवों की भूमि-अधिग्रहण होना था, लेकिन वह भी अधर में है। इसी कारण शासन स्तर पर भी उक्त प्रोजेक्ट रफ्तार नहीं पकड़ पाया है।

भूमि-अधिग्रहण के मामले भी अटके
नरसिंहगढ़ के आगे श्यामपुर, कुरावर में भी अभी कई भूमि-अधिग्रहण के मामले अटके हुए हैं। इनमें कहीं रेलवे द्वारा राशि अलॉट कर दी गई है तो कहीं प्रशासन ने मुआवजा पारित कर दिया। बावजूद इसके कई मामले अभी भी अटके हैं। वहीं, रेलवे के बजट में मिलने वाली राशि का भी उपयोग इन स्थानीय प्रकरणों में नहीं हुआ, इसीलिए पिछली बार के बजट की राशि लेप्स हो गई थी।

और दूधी पुल के 190 करोड़ दिए, काम शून्य
देश के सबसे बड़े विभाग इंडियन रेलवे में किसी भी काम की प्रक्रिया में लेटलतीफी इस कदर है कि तमाम प्रकार की खानापूर्ति और प्रक्रिया हो जाने के बावजूद काम को गति नहीं मिल पाती। करीब तीन से चार साल पहले मक्सी- विजयपुर इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य के बाद मोहनपुरा डैम से लगी दूधी पुल डायवर्ट होना है। करीब सात से आठ किमी के डायवर्शन के बाद नए सिरे से बनने वाला ब्रिज ऊपर उठेगा, इसके लिए जिला प्रशासन ने 190 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए हैं, बावजूद इसके काम शुरू नहीं हो पाया।

फैक्ट-फाइल
-1365 करोड़ से बनना है रामगंजमंडी-भोपाल लाइन।
-700 करोड़ रुपए का प्रपोजल बना था, जिसे बाद में बढ़ाया।
-200 करोड़ वर्ष-2016 में मिले थे।
-200 करोड़ इस बार के बजट में मिले।
-झालावाड़ तक लाइन चालू हुई।
-मप्र में रेलवे के नाम पर महज भू-अर्जन।
-260 किमी का है प्रोजेक्ट।
(नोट :रेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार)

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