मंडी गेट के पास स्थित खाद विक्रय केंद्र पर बड़ी संख्या में पहुंचे किसान जिद पर अड़े रहे और कहा कि हमें यहां आकर भी खाद नहीं मिल पा रहा है और ये गाड़ी कहां जा रही है? इस बीच काफी हंगामे की स्थिति बनीं रही। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा और उन्हें हंगामा और चक्काजाम इत्यादि करने से रोका। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया कि बड़े-बड़े दुकानदारों को यहां खाद उपलब्ध है और सोसायटियों में खाद नहीं पहुंच पा रहा।
चक्कजाम करने लगे तो पुलिस ने खदेड़ा
मंडी गेट के बाहर जमा हुए किसानों ने हंगामा कर दिया और नारेबाजी करने लगे। वे चक्काजाम करने के लिए सुठालिया रोड पर जमा हो गए, इस बीच पहुंची सिटी थाने की पुलिस ने उन्हें खदेड़ा और भीड़ को तीतर-भीतर किया। एसआई एम. एल. यादव ने बताया कि हमने एसडीएम को सूचना दे दी थी। साथ ही किसानों को समझा दिया कि उक्त खाद मलावर सोसायटी भेजा गया है, वहां भी इतने ही किसान इंतजार कर रहे थे।
यदि वहां खाद नहीं पहुंचता तो वहां भी विवाद की स्थिति बनीं रहती। बाद में किसानों को समझाया गया, इसके बाद किसान एसडीएम के पास पहुंचे और पूरे मामले से उन्हें अवगत करवाया।
सरकारी स्तर पर ही मांग ज्यादा, आपूर्ति क म क्यों?
खाद को लेकर आ रही किल्लत पर कोई भी खुलकर जवाब देने को तैयार नहीं है। सरकार का मानना है कि गेहूं का रकबा बढ़ गया इसलिए खाद कम है, शासन का कहना है कि हम पर्याप्त खाद मुहैया करवा रहे हैं, फिर आखिर सरकारी गोडाउनों, वेयर हाउसेस में भी खाद की कमी क्यों आ रही है? जबकि बड़े डीलर्स जिनके यहां बड़ी तादाद में खाद पहुंचता है वहां आसानी से खाद पहुंच जाता है। वे लोग पहले से ही स्टॉक कर खाद को जमा कर लेते हैं और सीजन के समय मनमाने दाम किसानों से वसूलते हैं।
625 मैट्रिक टन खाद और आया है
हमने किसानों को समझा दिया था उन्हें कहा गया है कि जो खाद जहां के लिए है वहां जाने दें, ब्यावरा के लिए दोपहर बाद ही 625 मैट्रिक टन खाद और आया जिसे विभिन्न सोसायटियों में पहुंचा दिया गया है। रही बाद किल्लत की तो मांग ज्यादा है और आपूर्ति कम, इसलिए परेशानी आ रही है।
-रमेश पांडे, एसडीएम, ब्यावरा