scriptsoybean news : बारिश न होने से किसानों को सताने लगी चिंता, तेजी से सूख रही खेतो की नमी | soybean news : Concerned farmer worried due to lack of rainfall | Patrika News
राजगढ़

soybean news : बारिश न होने से किसानों को सताने लगी चिंता, तेजी से सूख रही खेतो की नमी

वर्ष 2014 में बारिश की कमी और अमानक बीज के कारण करनी पड़ी थी दोबारा बोवनी

राजगढ़Jul 13, 2019 / 04:52 pm

Prakash Vijayvargiye

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सोयाबीन की बोवनी पर मंडराया संकट

राजगढ़. जुलाई माह के पहले सप्ताह में हुई भरपूर बारिश के बाद पिछले चार दिन से बारिश का सिलसिला लगा थमा हुआ है। बारिश के बाद जमीन में मौजूद नमी धीरे धीरे कम होने लगी है, जिससे खरीफ खासकर जिले के बड़े भूभाग में बोई जाने वाली सोयाबीन soybean की उपज के बिगडऩे की संभावना ने किसानों की चिंता बड़ा दी है। दरअसल जून माह के तीसरे सप्ताह में शुरू हुई मानसूनी बारिश के बाद जिले भर के किसानों farmers ने सोयाबीन की बोवनी कर दी थी।

3 लाख हेक्टर में सोयाबीन की बोवनी
जिले में इस बार करीब तीन लाख हेक्टर में सोयाबीन की बोवनी की गई है। इसमें से 80 प्रतिशत भूभाग में बोवनी का कार्य जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में पूर्ण हो गया था। लेकिन बोवनी पूरी होने के बाद से जिले में बारिश का सिलसिला पूरी तरह थमा हुआ है।

 

नुकसान होने की संभावना
बारिश थमने के बाद तेज धूप के कारण खेतों में जमा नमी तेजी से सूख रही है। जबकि सोयाबीन के अकुंरण के बाद उसकी उचित वृद्धि के लिए जमीन में पर्याप्त नमी आवश्यक है। नमी के आभाव में पौधे पीले होकर नष्ट होने की संभवना रहती है। हालांकि कृषि वैज्ञानिक अखिलेश श्रीवास्तव ने अभी खेतों में सामान्य नमी होने की बात कही है। उनके अनुसार पांच छह दिन बारिश नहीं होने पर भी फसलो को विशेष नुकसान नहीं होगा। लेकिन यदि एक हफ्ते से अधिक बारिश नहीं हुई तो जिले में करीब दो लाख हेक्टर में बोई गई सोयाबीन की फसल को खासा नुकसान होने की संभावना है।

नहीं करे खरपतवार नाशक दवाई का छिडक़ाव
खेतो में मौजूद नमी के समाप्त होने से वैसे तो सोयाबीन की सभी फसल के नुकसान की संभावना है। लेकिन सर्वाधिक नुकसान उस खेत में है जहां सोयाबीन की बोवनी लगभग 15 दिन पूर्व कर दी गई है। ऐसे बोवनी अब पूर्ण रूप से अकुंरण की स्थिति में है। जहां पौधो को पर्याप्त नमी की आवश्यकता है।


खरपतवार के छिडकाव से बचना चाहिए
कृषि वैज्ञानिक की माने तो बीज के अकुंरण के कुछ दिन बाद किसान खेतों में खरपतवार नाशक दवाईयो का छिडक़ाव करने लगते है। लेकिन यदि खेतों में पर्याप्त नमी नहीं हो तो किसानों को खरपतवार के छिडकाव से बचना चाहिए। नमी के आभाव में इस दवाई से पोधो के पीले पडकऱ मुरझाने की संभावना रहती है। यदि खरपतवार नाशक के छिडकाव की अधिक आवश्यकता हो तो पहले खेतों में हल्की सिंचाई की जानी चाहिए।

सोयाबीन बीज की एक किस्म प्रतिबंधित
इधर ब्यावरा क्षेत्र के किसानों के लिए एक चिंता और भी है। दरअसल कृषि विभाग द्वारा बीज और फार्म विकास निगम ब्यावरा द्वारा दिए गए एक विशेश लॉटा और बेच नम्बर के सोयाबीन बीज जेएस 9560 और आरवीएस 2001-4 को अमानक पाए जाने पर जिले में प्रतिबंधित किया है। लेकिन यह प्रतिबंध उस समय लगा है जब सोयाबीन की बोवनी का कार्य पूर्ण हो चुका है। और जेएस 9560 जिले में सबसे प्रचलित बीज है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भी विभाग द्वारा एक बीज को बोवनी के बाद अमानक माना था। उस समय जिले के बडे भूभाग में किसानों को दोबारा बोवनी करनी पड़ी थी।

मौसम की वर्तमान स्थिति
तहसील तीन दिन में बारिश अब तक बारिश
जीरापुर 0.0 229.8
खिलचीपुर 0.0 261.0
राजगढ़ 0.0 162.5
ब्यावरा 0.0 221.8
नरसिंहगढ़ 0.0 111.0
सारंगपुर 0.0 447.4
पचोर 0.0 213.4
फैक्ट फाइल जिले में
खरीफ की कुल बोवनी 4,10,000 हेक्टर लक्ष्य
सोयाबीन 3 लाख हेक्टर
अब तक कुल बारिश 235 मिमी औसत
अधिकतम तापमान 34.6
न्यूनतम तापमान 27.5


जिले में तीन लाख से अधिक क्षेत्र में सोयाबीन की बोवनी हो चुकी है। बीज की दो किस्म को अमानक होने के कारण प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि जिले में इसका स्टाक 10 से 12 क्विटंल ही था।
आर एस राठौर कृषि विभाग राजगढ़


बोवनी के बाद खेतो में नमी होना जरूरी है। फिलहाल खेतो में पर्याप्त नमी मौजूद है। लेकिन यदि बारिश में एक सप्ताह से अधिक का गेप होगा तो फसलों के लिए हानिकारक है। खेतों में नमी नहीं होने पर किसानो को खरपतवार नाशक दवाई का वितरण नहीं करना चाहिए।
अखिलेश श्रीवास्तव कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द राजगढ़

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