राजगढ़ में जालपा मंदिर के पास सुंदरपुरा गांव में 25 हजार मेट्रिक टन गेहूं को रखने के लिए ओपन कैप का मेंटनेंस कराया गया था। कुछ नए निर्माण भी इसमें शामिल थे। इसके अलावा ब्यावरा रोड पर हिरणखेड़ी के पास भी इस तरह के ओपन कैप तैयार कराए गए, लेकिन वर्तमान में उन निर्माणों को देखें तो बिखर रहे हैं। ओपन केप पर न कंक्रीट बचा है और ईट भी जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। ऐसे में अस्थाई रूप से तैयार किए गए इन केप में अब जब समर्थन मूल्य की खरीदी होगी तो उससे पहले एक बार फिर विभाग शासन के लाखों रुपए सिर्फ मेंटेनेंस के नाम पर खर्च कर देगा।
विभाग के इंजीनियर से सीधी बात
रिपोर्टर- राजगढ़ मैं बनाए गए ओपन कैप जगह- जगह से बिखर चुके हैं और लगातार टूट रहे हैं।
इंजीनियर -राजगढ़ में किस जगह सुंदरपुरा।
रिपोर्टर – सुंदरपुरा और हिरण खेड़ी के पास बनाए गए कैप की जानकारी है।
इंजीनियर – तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं।
रिपोर्टर – शासन का पैसा है, आप जिम्मेदार हैं। आप इस तरह की बात कर रहे हैं कि मैं क्या कर सकता हूं। पहले ही आपको बताया गया था की निर्माण में लापरवाही हो रही है।
इंजीनियर – मुझे इस संबंध में कुछ नहीं कहना ना ही मुझे कोई जानकारी है।
रिपोर्टर – तो फिर क्या करें, यही छापें, आपकी तरफ से कि आपको कोई जानकारी नहीं है।
इंजीनियर – बिल्कुल छाप दीजिए मैं मना करूंगा तब भी आप मानेंगे तो है नहीं।
पहले ही चेताया था जिम्मेदारों को
जिस समय यह घटिया क्वालिटी का निर्माण ठेकेदारी पद्धति से किया जा रहा था। उसी समय विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर जानकारी दी गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी, जिसका नतीजा यह है कि अब यह निर्माण बिखर रहा है।