न कोई एंट्री,न ही टैक्स का रिकॉर्ड…
दरअसल, सीधे तौर पर टैक्स चुराने के मकदस से कुछ व्यापारी छुट्टियों के दौरान भी दो नंबर में उपज की खरीदी करते हैं। रविवार को इसी का फायदा उठाकर कुछ फम्र्स पर तुलाई होती रही, बकायदा कुछ किसान इस दिन पहुंचे और हम्माल माल ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इस दिन न कोई एंट्री मंडी के गेट पर होती है न ही टैक्स का रिकॉर्ड शासन को देना होता है।
किसी का जोर नहीं चल पाता…
व्यापारी अपने स्तर पर खरीदी करता है और अपने स्तर ही रवाना कर देता है। इन छुट्टियों के दौरान मंडी की कई नामी फर्म के व्यापारी उपज की खरीदी करते हैं। सूत्रों के अनुसार मंडी के कर्मचारियों को पता होने के बावजूद इन पर वे कार्रवाई नहीं करते, लंबे समय से चली आ रही इस धांधली पर किसी का जोर नहीं चल पाता।
ईमानदार व्यापारी भी दुखी…
कुछ प्रभावी व्यापारी राजनीतिक संरक्षण के दम पर इससे बाहर हो जाते हैं तो कुछ अपने दम पर। इससे वे व्यापारी भी दुखी हैं जो ईमानदारी से रोजाना खरीदी करते हैं और नियमानुसार टैक्स जमा करते हैं लेकिन किसी भी विवाद में पडऩे से बचने के लिए वे खुलकर सामने नहीं आ पाते।
गड़बडिय़ों पर पर्दा गिरा देते हैं जिम्मेदार…
दो नंबर में माल बाहर निकालकर और फर्जी गेट पास से देशभर में माल भेज शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान ऐसे व्यापारी लगाते हैं जिन पर किसी जिम्मेदार का कोई जोर नहीं चल पाता। ऐसा ही एक मामला दो साल पहले आया था जिसमें मंडी की एक फर्म का नाम सामने आया था। मामले में फर्जी सील और हस्ताक्षर से कई लंबे समय तक माल फर्जी गेट पास के माध्यम से जाता रहा था।
भ्रष्टाचार और गड़बड़ी में मिलीभगत…
मंडी प्रबंधन उक्त प्रकरण पकड़ तो लिया लेकिन संबंधित व्यापारी पर आज दिनांक तक कार्रवाई नहीं हो पाई। कागजों में सिमटे उक्त मामले का आवेदन दो साल में मंडी से चंद कदम दूर स्थित थाने तक नहीं पहुंच पाया। इससे भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के मामलों का अंदाजा लगाया जा सकता।
30 लाख की टैक्स चोरी में कार्रवाई नहीं, इसलिए मिल रहा बल
करीब दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम अंजली शाह द्वारा की गई जांच में सामने आई महज तीन माह में 30 लाख 60 हजार 168 रुपए की टैक्स चोरी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण ऐसे व्यापारियों को बल मिल रहा है।
टैक्स चोरी में हुआ नुकसान
मंडी के 74 में से 61 व्यापारी उसमें दोषी पाए गए थे और सभी के खिलाफ मंडी प्रशासन ने कार्रवाई निर्धारित की थी। साथ ही इस काम में सहयोग करने वाले मंडी कर्मचारियों का ब्यौरा भी हाल में मंडी बोर्ड ने भी मांगा है। उन्होंने सीधे तौर पर टैक्स चोरी करते हुए महज तीन माह में करीब 30 लाख रुपए से अधिक का नुकसान शासन को किया था।
पूरी जांच के बाद करवाई जाएगी…
रविवार और सोमवार को मंडी पूर्णत: बंद है। यदि फिर भी कोई व्यापारी मंडी में खरीदी कर रहा है तो मैं जांच करवाऊंगा, जो सबूत हमें मिलेंगे और उसमें जो नाम सामने आएंगे उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-वी. पी. पटेरिया, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, ब्यावरा