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राजगढ़

ऐसी संकरी और तंग गलियों में बनाएं पटाखों के गोडाउन,कि हादसा होने पर दमकल भी न पहुंच पाए

– कहीं जिले में न हो जाए गुना सा हादसा- प्रशासन ने की सख्ती लाइसेंस वितरण तक सीमित, जिलेभर में व्यापक तौर पर होता है आतिशबाजी की सामग्री का बिजनेस- कई बिना लाइसेंस भी करते हैं दुकानदारी, ज्यादा मुनाफे के फेर में रिस्क लेकर करते हैं धंधा

राजगढ़Oct 19, 2019 / 06:22 pm

Rajesh Kumar Vishwakarma

संकरी और तंग गलियों में पटाखों के गोडाउन, हादसा हो तो दमकल भी न पहुंच पाए

संकरी और तंग गलियों में पटाखों के गोडाउन, हादसा हो तो दमकल भी न पहुंच पाए

ब्यावरा.जिले की सीमा से से लगे गुना की अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बावजूद जिला प्रशासन आतिशबाजी के अवैध धंधे पर अंकुश लगाने को तैयार नहीं है। एक दिन पहले ब्यावरा पुलिस द्वारा अवैध पटाखे पकड़ लेने और अवैध तौर पर पटाखे बेचने की हकीकत के बावजूद प्रशासन कार्रवाई में ढील-पोल कर रहा है।
दरअसल, ब्यावरा सहित जिले के विभिन्न कस्बों (राजगढ़, नरसिंहगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, जीरापुर और राजगढ़) में रिहायशी ईलाकों में संकरी और तंग गलियों के बीच पटाखों के गोडाउन बना रखे हैं जिनमें यदि किसी भी तरह का हादसा हो जाए तो वहां दमकल क्या छोटे वाहन भी नहीं पहुंच पाए? बावजूद इसके किसी प्रकार की तैयारी जिला प्रशासन ने नहीं की है। अगले सप्ताह दीवाली लगभग शुरू हो जाएगी, इस बीच भी यदि कार्रवाई नहीं हुई तो खतरा बरकरार है। बता दें कि पटाखों के सीजनल व्यापार में बड़ी कमाई के फेर में इसे बड़े स्तर पर बेचा जाता है। जिसमें न गोडाउन के पैरामीटर फॉलो किए जाते हैं न ही किसी प्रकार की प्रशासनिक व्यवस्थाओं के।
लाइसेंस औपचारिकता, आड़ में होते हैं लाखों के गेम
करीब तीन साल पहले तत्कालीन एसडीएम अंजली शाह की टीम ने शहर में दबिश देकर बड़ी तादाद में विस्फोटक सामग्री, आतशिबाजी के सामान रिहायशी ईलाकों से बरामद किए थे। इसके बावजूद उसी तरह से यह ढर्रा बरकार है, किसी दुकानदार को प्रशासन की कार्रवाई का डर नहीं है। एसडीएम ने उस दौरान भंवरगंज के एक गोडाउन के साथ ही अन्य क्षेत्रों में दबिश दी थी। इसके अलावा शरीद कॉलोनी, जूना ब्यावरा, सुभाष चौक, मैन मार्केट सहित अन्य जगह एंटीरियर छोटे-मोटे गोडाउन होने की संभावना है। हाल ही में पुलिस ने बस स्टैंड के पास से बड़ी तादाद में अवैध पटाखे बरामद किए हैं।
फैक्ट-फाइल
-८४६ नये लाइसेंस इस बार हुए।
ृ-२०९ लाइसेंस सर्वाधिक अकेले ब्यावरा में।
-०३ करोड़ से अधिक के बिजनेस की उम्मीद।
-५० फीसदी बिना लाइसेंस से भी बेचते हैं।
-५० फीसदी एंटीरियर वालों तक प्रशासन पहुंच ही नहीं पाता।
(नोट : ये रेंडमली संभावित आंकड़े हैं, जांच हो तो हकीकत सामने आए)
…और एंटीरियर वालों को नहीं किसी प्रकार का डर
ब्यावरा, राजगढ़ को यदि छोड़ भी दिया जाए तो बाकी के एंटीरियर के अन्य कस्बों में किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई का कोई डर नहीं होता। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दीवाली को एक सप्ताह भी शेष नहीं है और किसी प्रकार की कोई प्रशासनिक सख्ती अभी तक शुरू नहीं हुई। ऐसे में पटाखा व्यवसायी मनचाही जगह गोडाउन बनाकर बिना किसी लाइसेंस के मनचाहा काम करते हैं।
सर्चिंग करवाकर जांचेंगे लाइसेंस
तमाम लाइसेंस जांचें जाएंगे, साथ ही ब्लॉक वाइज प्रशासनिक स्तर पर सर्चिंग करवाई जाएगी। रिहायशी ईलाके में जहां भी गोडाउन हैं उन्हें सील किया जाएगा। साथ ही किसी प्रप
-निधि निवेदिता, कलेक्टर, राजगढ़

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