पिछली बार से दो गुना से अधिक खरीदी अभी तक जिले में हो चुकी है, बावजूद इसके हर शहर, कस्बे के उपार्जन केंद्रों पर किसानों के वाहनों की कतार लगी है। इसका कारण यह है कि इस बार पिछली बार की अपेक्षा न सिर्फ रकबा बढ़ा बल्कि पैदावार भी काफी अच्छी हुई। इसी कारण अब 26 मई तक आखिरी तारीख के बीच जिलेभर की उपज तुल पाना, खरीद पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
चार दिन के इंतजार के बाद एक्सपायर हो रहा मैसेज!
शासन के पास पर्याप्त भंडारण और परिवहन की व्यवस्था नहीं होने का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। तीन-तीन, चार-चार दिन इंतजार करने के बाद उन्हें बोल दिया जाता है कि आपका मैसेज एक्सपायर हो गया। ऐसे में जो किसान बाट जोरहे थे उनके हाथ सिर्फ परेशानी ही लग रही है। वे किराये के वाहन लेकर केंद्रों पर पहुंच रहे हैं और उनकी उपज तुल ही नहीं पा रही। बता दें कि किसान के पास पहुंचने वाले मैसेज 48 घंटे बाद काम नहीं करता, उपर्जान पोर्टल ऑनलाइन उसे स्वीकारता ही नहीं है। इसीलिए दिक्कत हो रही।
पीपल्या कुल्मी केंद्र पर बारदान खत्म हुआ तो बंद की तुलाई
जीरापुर ब्लॉक के पीपल्या कुल्मी उपार्जन केंद्र पर भी किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां अचानक खत्म हुए बारदान के बाद लंबी कतारों में खड़े किसानों को भीषण गर्मी में परेशान होना पड़ा। काफी देर तक भी बारदान नहीं पहुंचे तो तुलाई को बंद करना पड़ा। इसेस आस-पास के गांवों से किराये के वाहन लेकर पहुंचे किसानों को फजीहत हुई। किसानों ने आरोप लगाया कि यहां शासन स्तर पर व्यवस्था नहीं की जा रही। इसी कारण दिक्कत हो रही है।
छह दिन से हम केंद्र पर बैठे हैं, अब जब बारी आई तो केंद्र प्रभारी ने कह दिया कि हम कुछ नहीं कर सकते। आपकी तुलाई नहीं हो सकती। अब हम क्या करें?
-बलवंत सिंह, किसान, निवासी बापची
भाड़े से ट्रैक्टर लेकर आया जिसका हर दिन किराया लग रहा है। 14 का मैसेज आया था उसी दिन आ भी गया था लेकिन अब कांटा बंद कर दिया। कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है।
-नारायणसिंह, किसान, निवासी आम्बा
दोबारा आएगा मैसेज
कई किसान तय तारीख में नहीं आते, इसलिए बाद में सॉफ्टवेयर एक्सेप्ट नहीं करता। छूट जाने वाले किसानों को दोबारा मैसेज आएगा, यदि ऐसा नहीं भी हुआ तो भी शासनस्तर पर उनकी उपज खरीदी की जाएगी।
-एस. के. तिवारी, डीएसओ, राजगढ़
तकनीकि दिक्कत है शासन को सूची भेज रहे
यह तकनीकि दिक्कत सिंदूरिया के साथ ही भाटखेड़ी में भी आई है, इसे लेकर शासन को उक्त तारीखों में छूटे किसानों की सूची भेजी जा रही है। फिलहाल सॉफ्टवेयर 16 से 18 तक के ही पंजीयन स्वीकार कर रहा है।
-संदीप अस्थाना, एसडीएम, ब्यावरा