script10 साल की सजा सुनते ही कोर्ट परिसर से भाग निकले दो आरोपी | Two accused escaped from court premises after hearing 10-year sentence | Patrika News
राजगढ़

10 साल की सजा सुनते ही कोर्ट परिसर से भाग निकले दो आरोपी

हत्या के प्रयास के मामलेम में पैशी करने आए थे तीन सगे भाई, वकील से मिलने का बहाना बनाकर दो भागे

राजगढ़Sep 24, 2018 / 07:09 pm

दीपेश तिवारी

jalorenews

जिला एवं सत्र न्यायाधीश जालोर राजेन्द्र प्रकाश सोनी ने शुक्रवार को हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

ब्यावरा .अकसर पुलिस कस्टडी में भागने में कामयाब होने वाले आरोपी अब कोर्ट परिसर से भी भागने लगे हैं। सोमवार को पेशी करने आए तीन आरोपियों में से दो सजा सुनते ही भाग निकले। दोनों ने कहा कि हम हमारे वकील से मिलकर आते हैं और भाग निकले।
सूत्रों के अनुसार सुठालिया थाना क्षेत्र में करीब सात साल पहले हुए एक विवाद में धारा-307 के तीन आरोपी पेशी के लिए ब्यावरा कोर्ट आए थे। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश निवेदिया मुद्गल की कोर्ट में आरोपी मनोहरसिंह पिता नारायणसिंह गुर्जर, भरतराम पिता नारायणसिंह गुर्जर और गोपाल सिंह पिता नारायणसिंह गुर्जर तीनों निवासी कोलूखेड़ी पेशी के लिए आए थे। तमाम साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर तीनों को धारा-307 के तहत 10 साल की कैद और 10-10 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई।

आरोपियों को किया फरार घोषित

जैसे ही उन्हें सजा सुनाई गई गोपाल और भरतराम अपने वकील से मिलने की बात कहकर निकले और फरार हो गए। इस पर कोर्ट उन्हें फरार घोषित कर दिया और एक अन्य आरोपी मनोहरसिंह को जेल भेज दिया। आरोपियों को धारा-25 आम्र्स एक्ट के तहत भी एक साल की सजा और एक हजार के अर्थ दंड की सुनाई है। हालांकि एजीपी दिनेश साहू का कहना है कि न्यायालय ने दोनों को फरार घोषित किया है वे पैशी पर उपस्थित ही नहीं हुए थे। वहीं, सूत्रों और पुलिस के अनुसार तीनों पैशी पर आए थे लेकिन दो फरार हो गए। फिलहाल उन्हें अनुपस्थिति के आधार पर फरार घोषित किया गया है।

रंजिश में भाई पर ही हमला किया था
करीब सात साल पहले 8 फरवरी 2011 को तीनों आरोपियों ने अपने ही परिवार के भाई चेतराम गुर्जर निवासी कोलूखेड़ी पर जानलेवा हमला कर दिया था। तलवारें, लोहे की राड़ सहित अन्य हथियारों से हमला करने पर उसे सिर और गर्दन, हाथ-पांव में गंभीर चोटें आई थी। सुठालिया पुलिस ने मामले में धारा-307, 325, 326 और 25 आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपियों को धारा-307 और 25 आम्र्स एक्ट के तहत दोषी पाया और सजा सुनाई है।

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