पिछले साल की तुलना में इस साल बेहतर फ सलें हो रही हैं। चाहे गेहूं की हो या चना और मसूर की सभी फसलें बहुत अच्छी हुई हैं, लेकिन अब मौसम में बदलाव आने से खेतों में लहरा रही और कटी पड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है। जिस तरह मौसम बदला है वैसे ही पिछले साल राजगढ़ और इसके आसपास खासी बारिश हुई थी, जिसके कारण खेतों में पड़ी हुई फ सलें खराब हो गईं थीं। सरकार द्वारा बांटी गई मुआवजा राशि फसलों की तुलना में बहुत कम थी।
फसलों को ढंककर रखने की दी सलाह
मौसम के पूर्वानुमान से यह उम्मीद जताई जा रही है कि दो दिन मौसम में परिवर्तन होने के साथ बारिश भी हो सकती है। कृषि वैज्ञानिक लाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र में धनिया और मसूर सहित चने की फसलें लगभग कटने को है। कुछ जगह काटी भी जा चुकी हैं। फसलों को ढककर रखना होगा, जबकि गेहूं की फसलों की भी कटाई करने की बात कही गई है, डॉक्टर लाल सिंह ने बताया कि इस समय यदि फसलों पर पानी पड़ता है तो निश्चित रूप से उन फ सलों में नुकसान होगा। इसके लिए यही विकल्प है कि फ सलों को एकत्रित करते हुए उन्हें ढककर रखें ताकि पानी के प्रभाव से वह काली न पड़े या फि र तेज आंधी तूफान में उनके दाने ना बिखरे।
उर्स पर भी असर
शहर में इन दिनों बाबा बदक शानी की दरगाह पर उर्स लग रहा है, जिसमें राजगढ़ के साथ ही दूरदराज क्षेत्रों से व्यापारी दुकान लगाने के लिए आए हैं, करीब 15 मिनट तक चली तेज आंधी के कारण कई दुकानों में नुकसान हुआ है।