वहां मौजूद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी ने जांच कर बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इधर परिजनों का कहना है कि प्रांशी हृदयरोग से पीडि़त थी और कैंप में ले जाने को मना किया था जबकि स्कूल प्रबंधन परिजनों द्वारा सहमति पत्र देने की बात कर रहा है।
प्रांशी वैशालीनगर भिलाई के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला की छात्रा थी। जंबुरी कैम्प में हिस्सा लेने के लिए अपने स्कूल की २५ सदस्यीय टीम के साथ गुरुवार को सोमनी पहुंची थी। बच्चों के साथ स्कूल की शिक्षिका लिस्सी राय और विद्या वर्मा भी कैम्प में थीं। गुरुवार को पंजीयन के बाद सभी बच्चे टैंट में रुके थे।
भारत स्काऊट एवं गाइड छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त गजेन्द्र यादव ने कहा, यह बहुत दुखद हादसा है। इसका सबको दुख है। बच्ची को हार्ट की समस्या पहले से थी। संबंधिक स्कूल के शिक्षकों ने परिजनों का सहमति पत्र जमा किया है उसके बाद ही कैम्प में शामिल गया था। बच्ची के इलाज का वक्त ही नहीं मिला।
मृतक बच्ची के पिता सुभाष गुप्ता ने कहा कि मेरी बेटी हार्ट की पेशेंट थी। मैंने कैंप ले जाने के लिए मना किया था। स्कूल प्रबंधन ने अपनी जिम्मेदारी पर बच्ची को ले जाने की बात कही और यह हादसा हो गया। समय रहते इलाज मिल गया होता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती।
व्याख्याता वैशाली नगर हाईस्कूल व कैंप में बच्चों की प्रभारी लिस्सी राय ने कहा कि स्कूल में प्रांशी काफी एक्टिव रहती थी और अच्छी छात्रा थी। बच्ची को हार्ट की समस्या थी लेकिन परिजनों की सहमति पत्र लेने के बाद ही उसे कैंप में शामिल किया गया था।