गुरूवार शाम प्रधानपाठ के गेट खोलकर 25 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सिंचाई के लिए छोड़े गए पानी से मुढ़ीपार, टेकापार, खम्हारडीह, चांदगढ़ी, कुसुमकुआं, सनडोंगरी, गुमानपुर गांवों के एक हजार हेक्टेयर की सिंचाई हो पाएगी। गुरूवार से गेट खोले जाने के बाद फिलहाल सौ हेक्टेयर तक पानी पहुंचा है। एक दो दिनों में बाकी गांवों के किसानों को भी खेतों के लिए पानी नसीब हो पाएगा। पिछले दो दिनों में इलाके में माह भर बाद राहत की बारिश हुई है। इससे खेतों में लगी फसल इससे चौपट होने से बच पाएगी। किसानों को आने वाले दिनों में भी बेहतर बारिश की आस है। दो दिन में हुई बारिश को इलाके की फसलों को बचाने अमृत वर्षा मानी जा रही है।
माह भर बाद मिला पानी वनाचंल इलाके में भी बेहतर बारिश से प्रधानपाठ बैराज में भी माहभर बाद पानी भर पाया है। सावन भर बारिश की आस में सूख रहे खेतों और बांधों में फिलहाल पर्याप्त पानी नहीं है, लेकिन प्रधानपाठ बैराज में दो दिन की वनाचंल क्षेत्र में बेहतर बारिश से सिंचाई के लिए पानी देने लायक भराव हो गया। प्रधानपाठ से पिछले माह जुलाई के पहले सप्ताह में सिंचाई के लिए गेट खोला गया था। इलाके में बारिश नहीं होने से दर्जन भर से ज्यादा गांव के किसान लगातार प्रधानपाठ बैराज से पानी दिए जाने की मांग कर रहे थे, लेकिन बैराज में सिंचाई के लायक भी पानी नहीं होने के कारण विभाग भी संशय में था। बुधवार की बारिश के बाद बैराज में जल भराव की स्थिति बेहतर हुई तो गुरूवार से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया।
आधा ही भर पा रहा बैराज साल भर पूर्व प्रधानपाठ बैराज के एक गेट के टूटने के बाद बैराज में जलभराव की क्षमता आधी हो गई है। यहां बैराज में 17 मीटर तक जलभराव की क्षमता है, लेकिन तीन में से एक गेट के क्षतिग्रस्त होने के चलते उसका स्थाई समाधान नहीं बन पाया है। अस्थाई गेट बनाकर फिलहाल सिंचाई सुविधा विस्तार के लिए दिए जाने वाले पानी का भराव करने लायक यहां 9 मीटर तक की क्षमता लायक अस्थाई गेट बनाया गया है, इससे अधिक क्षमता में पानी का भराव होने पर पानी नालों और आमनेर में ही बह जाता है। बुधवार की बारिश के बाद जलभराव 9 मीटर से ऊपर चला गया, जिसके बाद अधिकारियों ने सिंचाई के लिए गुरूवार को प्रधानपाठ बैराज के गेट खोले बताया गया कि आने वाले तीन चार दिनों तक बैराज में भराव के लायक पानी आने की उम्मीद है, जिसके कारण जरूरत और मांग के आधार पर किसानों को सिंचाई के लिए गेट खोले गए हैं।
क्षतिग्रस्त गेट मरम्मत के लिए शासन से स्वीकृति का इंतजार प्रधानपाठ बैराज के क्षतिग्रस्त हुए एक गेट की स्थाई मरम्मत के लिए फिलहाल शासन स्तर से स्वीकृति का इंतजार है। बताया गया कि क्षतिग्रस्त गेट के मरम्मत सहित सुधार का प्राक्ललन शासन स्तर परभेजा गया है, जिसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। अस्थाई गेट निर्माण किया गया है, लेकिन बैराज की क्षमता के अनुरूप वहां जलभराव नहीं हो पा रहा है। स्थाई गेट निर्माण के बाद ही बैराज पूरी तरह भरा जा सकेगा, लेकिन मरम्मत और सुधार कार्य की स्वीकृति उच्चाधिकारियों द्वारा दी जानी है। इसके कारण इसकी मरम्मत की कार्यवाही साल भर से अटकी है।
कुम्ही एनीकट भी हुआ लबालब खोले गए गेट आमनेर नदी पर कुम्ही और कोयलीकछार गांव के बीच हालही में सिंचाई विभाग द्वारा बनाया गया दो करोड़ की लागत का एनीकट भी आमनेर में पानी के बेहतर भराव के बाद लबालब हो गया। एनीकट माह भर पहले ही बनकर तैयार हुआ है, जिससे दो गांवों के बीच सात किमी की दूरी अब महज दो सौ मीटर हो गई है। जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाए गए एनीकट निर्माण से आवाजाही की सुविधा के साथ आधा दर्जन गांवों को निस्तारी और सिंचाई सुविधा के साथ जल स्तर सुधारने में भी बड़ी राहत मिली है। दो दिन की बारिश के बाद एनीकट लबालब हो गया जिसके बाद इसके गेट खोल दिए गए, जिससे आमनेर नदी में माह भर बाद पानी का बहाव शुरू हो पाया है।
अब सिंचाई के लिए मिलेगा पानी खैरागढ़ जलसंसाधन विभाग उपअभियंता जेके जैन ने कहा कि प्रधानपाठ बैराज में जलभराव के बाद किसानों द्वारा पानी मांग किए जाने के आवेदन पर 25 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे सिंचाई सुविधा पाने वाले सात गांवों के एक हजार से अधिक हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी मिल पाएगा।