खैरागढ़ में हुई कार्रवाई को सही बताते हुए कांग्रेसियों ने कहा कि रकम दोगनी और तीगुनी करने का लालच देकर जिस कंपनी में लोगों की गाढ़ी कमाई जमा कराई गई, उसमें शिकायत के आधार पर ही पुलिस ने संबंधित कंपनी के सात डायरेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की है। मंडलअध्यक्ष कमलेश कोठले के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद जिप उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह द्वारा इसे दबाव में की गई कार्रवाई बताए जाने पर कांग्रेसियों ने कहा कि भाजपा की बौखलाहट और उनके प्रतिनिधि द्वारा किए गए कार्यों को छिपाने का प्रयास है। जिप उपाध्यक्ष सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते कांग्रेसियों नें कई सवाल भी पूछे।
लोगों की गाढ़ी कमाई हजम डायरेक्टर से नाम हटानें के मामलें पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कंपनी की बजाय इसकी जानकारी कोठले को पुलिस में देकर मामला सार्वजनिक करना था, जमीन खरीदी मामले पर भी कांग्रेस ने रूख स्पष्ट करते कहा कि जमीन को भाई और करीबियों के नाम रजिस्ट्री कराई गई। जबकि कंपनी में इलाके के सैकड़ो लोगों की गाढ़ी कमाई हजम है। कांग्रेस ने कहा कि कंपनी में धोखाधड़ी का शिकार होने पर कोठले को कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराना था। पिछले छह साल से उनकी सत्ता रहते हजम राशि को निकालने कोई प्रयास नहीं किया गया। कांग्रेस ने कहा कि निवेशकों की राशि लौटाने खैरागढ़, रायपुर में खरीदी गई जमीन की कुर्की कर निवेशको की रकम लौटाने की कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेसियों ने सिंह को नसीहत देते कहा कि पद की गरिमा अनुरूप कानूनी कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए। मनगढ़त आरोप लगाकर कानूनी कार्रवाई में दखल नहीं देना चाहिए।
पूर्व सांसद व जिला भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ भी मामले पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस ने सवाल करते कहा कि जब चिटफॅंड कंपनी में कोई लाभ नहीं ले रहे तो कानूनी कार्रवाई में बाधा क्यों डाल रहे। कांग्रेसियों ने कहा कि पूर्व सांसद अभिषेक सिंह भाजपा जिलाध्यक्ष मधुसुदन यादव पर भी चिटफंड मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है, तो कमलेश के खिलाफ कार्रवाई से इतनी बौखलाहट क्यों है। प्रेस कांफ्रेंस में सिंह द्वारा भेदभाव का आरोप और पत्रकारों को बेवजह नसीहत देने पर कांग्रेस ने इसे अशोभनीय बताते माफी मांगने की मांग करते कहा कि पुलिस ने व्यक्ति विशेष के खिलाफ नही बल्कि कंपनियों के अधिकृत डायरेक्टरों के खिलाफ सीधी कार्रवाई की है।