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राजनंदगांव

सीएम ने फिर दिया ‘डॉज’, नहीं आए, प्रभारी मंत्री भी आए और आश्वासन देकर चले गए …

नीरस तरीके से संपन्न हो गया प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट

राजनंदगांवFeb 25, 2020 / 08:41 am

Atul Shrivastava

CM again gave 'Dodge', did not come, the minister in charge also came and left with assurance ...

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राजनांदगांव. बीते 78 वर्षों से आयोजित हो रही देशभर में प्रतिष्ठित महंत राजा सर्वेश्वरदास स्मृति अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता इस बार चुनिंदा लोगों के प्रयोग के चलते नीरस ढंग से संपन्न हो गया। ९ दिनों तक चली प्रतियोगिता में कुल मिलाकर 10 हजार से भी कम दर्शक जमा हो पाए जबकि हॉकी की नर्सरी राजनांदगांव में हॉकी देखने दर्शकों के सैलाब के उमडऩे के किस्से आम थे। समापन में पूर्व घोषित कार्यक्रम के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं पहुंचे। मुख्यमंत्री के स्थान पर आए प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर भी पूरे समय नहीं रूके और मैच अधूरा छोड़ वापस लौट गए।
आमतौर पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह और जनवरी के पहले सप्ताह में यहां हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन होता है लेकिन इस बार दिसंबर से लेकर जनवरी तक लगातार चुनाव के चलते हॉकी टूर्नामेंट में विलंब हुआ। टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर संशय के बीच आखिरकार 16 फरवरी से अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में टूर्नामेंट शुरू हुआ और सोमवार 24 फरवरी को इसका समापन भी हो गया। पहले टर्फ की सफाई को लेकर हो हल्ला मचा और बाद में टीमों के चयन को लेकर विवाद की स्थिति रही। आखिरकार चुनिंदा टीमों के साथ अखिल भारतीय टूर्नामेंट की औपचारिकता पूरी हो गई और शहर में हॉकी का वो माहौल नहीं जम पाया जिसके लिए राजनांदगांव जाना जाता है।
सीएम ने दिया फिर गच्चा

78वें वर्ष के आयोजन के लिए 16 से 23 फरवरी तक का कार्यक्रम जारी किया गया था। बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित करने के लिए टूर्नामेंट को एक दिन बढ़ाकर समापन की तिथि 24 फरवरी तय की गई। एक दिन बढ़ाने के कारण बीच में एक दिन एक ही मैच हुआ। मुख्यमंत्री को समापन में लाने के लिए इतना जतन करने के बाद और रविवार शाम मुख्यमंत्री का अधिकृत कार्यक्रम घोषित होने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां नहीं आए। सुबह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के रद्द होने की सूचना आई। इससे पूर्व भी पिछले साल मुख्यमंत्री हॉकी टूर्नामेंट मुख्य अतिथि होने के बाद भी नहीं पहुंचे थे।
अकबर को भी नहीं रोक पाए कांग्रेसी

मुख्यमंत्री बघेल का दौरा रद्द होने के बाद कार्यक्रम में पूर्व में तय अतिथि प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर बतौर मुख्य अतिथि आयोजन में शामिल हुए लेकिन वे भी फाइनल मैच और फिर पुरस्कार वितरण तक नहीं रूके। मैच शुरू होने के कुछ समय पहले पहुंचे प्रभारी मंत्री अकबर ने मैच के बीच में ही संबोधन की औपचारिकता पूरी की और मैच को अधूरा छोड़ हेलीकाप्टर से रायपुर लौट गए।
नहीं आई नामी टीमें, अधिकतर मैच रहे नीरस

पिछले कई सालों से टूर्नामेंट को नाक आऊट कम लीग आधार पर आयोजित किया जाता रहा है लेकिन इस बार नाक आऊट पद्धति से सारे मैच खेले गए। इसके साथ ही विलंब से टूर्नामेंट आयोजित होने के कारण देश की चुनिंदा और नामी टीमें यहां नहीं पहुंची। इसका असर टूर्नामेंट पर नजर आया। हॉकी टूर्नामेंट में पहुंचने वाले कई दर्शकों ने कहा कि आयोजन को लेकर विधिवत प्लानिंग नहीं होने के कारण लोगों को अच्छा मैच देखने नहीं मिला और कई मैच बेहद नीरस रहे।
हॉकी स्टेडियम को सुविधा संपन्न बनाने हर संभव सहयोग : अकबर

वन मंत्री और जिले के प्रभारी मोहम्मद अकबर ने अपने संबोधन में अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम को और अधिक सुविधा सम्पन्न बनाने हर संभव सहयोग का वायदा किया है। अकबर सहित सभी अतिथियों ने फाइनल मैच की दोनों टीमों मध्यप्रदेश हॉकी अकेडमी भोपाल और नार्दन रेलवे नई दिल्ली के सदस्यों से परिचय प्राप्त किया। प्रभारी मंत्री अकबर ने कहा कि राजनांदगांव को हॉकी के नाम से भी जाना जाता है। अकबर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खेलों और खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने के उद्देश्य खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण के जरिए खेलों को विकसित करने और खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने सारगर्भित प्रयास किए जाएंगे। महापौर हेमा देशमुख ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हॉकी की नर्सरी राजनांदगांव से अनेक खेल प्रतिभाओं ने देश और विदेश में राजनांदगांव का नाम रोशन किया है।
अस्तित्व बचाने मिलकर करना होगा काम

राजनांदगांव को एस्ट्रोटर्फ मैदान की सौगात देने वाले यहां के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पत्रिका के सवाल पर कहा कि यह दुख का विषय है कि हॉकी को लेकर गंभीरता से काम नहीं किया जा रहा है। जिला पंचायत के शपथ समारोह में पहुंचे डॉ. सिंह ने कहा कि राजनांदगांव को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है और देशभर में राजनांदगांव की पहचान हॉकी को लेकर है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव की हॉकी को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।

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