ज्ञात हो कि नगर निगम क्षेत्र में कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण करने का अभियान चलाया गया था। इन कुत्तों का बधियाकरण कर कॉलोनियों में छोड़ दिया गया। इस वजह से आऊटर की कॉलोनियों में आवारा कुत्तों की संख्या अचानक बढ़ गई है, जो लोगों के लिए खतरा बन रहे हैं।
निगम प्रशासन का उदासीन रवैया पहले भी निगम के आला अधिकारियों को कुत्तों के काटने की घटना के बारे में सतर्क किया गया था किंतु उनके द्वारा आज तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पीडि़त लोगों ने बातचीत के दौरान कहा है कि उच्चस्तरीय ज्ञापन सौंपने के लिए वे बाध्य होंगे। अधिकारी बधियाकरण की बात करते हैं। इसके बाद भी कुत्तों की तादाद लगातार बढ़ते जा रही है। मोतीपुर वार्ड 3 के सारे चौक-चौराहों में ऐसे ही आवारा कुत्तों को झुंड में देखा जा सकता है।
शहर में तो पालतू कुत्ते भी कहर बरपा रहे शहर के मोतीपुर वार्ड नं. 3 आम्बेडकर चौक में भी एक ऐसी घटना घटी है कि वहां का पालतु कुत्ता सरेआम किसी को भी काट रहा है। बताया जा रहा है कि यह कुत्ता किसी रसूखदार ने पाल रखा है। इसी वजह से लोग शिकायत से भी डर रहे हैं। जब कोई ही बोलने जाते हैं तो यही बात आती है कि हम इसे इंजेक्शन लगवाते हैं। इसलिए काटेगा तो कुछ भी नहीं होगा। फिर भी पास पाड़ोसियों ने उन्हें कुत्ते को बांधने की भी हिदायत दी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आने जाने वाले लोगों को परेशान करना कुत्ते की आदत सी हो गई है।
ग्लोबल केयर कंपनी को बधियाकरण का काम आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए नगर निगम ने दुर्ग की एक कंपनी ग्लोबल केयर को कुत्तों का बधियाकरण करने का काम सौंपा था। कुछ समय अभियान चला, लेकिन कंपनी ने अभियान को अधूरा ही छोड़कर अपना काम समेट लिया। अब शहर से लेकर गांवों में आवारा कुत्तों का आतंक फिर बढ़ गया है। लगातार शिकायत आने के बाद भी शासन-प्रशासन के पास इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।
पिछले दिनों यहां दिखा आतंक सप्ताहभर में शहर सहित गांवों से विभिन्न मामले कुत्ते काटने वाले आए। रूवातला के भुनेश्वर पिता मंचुलाल, शंकरपुर से लोकेश पिता देवसिंग, जमातपारा में मनीष पिता कैलाश को कुत्ते ने काट लिया। इसके अलावा रामपुर, खैरझिटी, शांतिनगर, बसंतपुर, तुमड़ीलेवा, रेवाडीह, बासुला, बलदेव बाग, मोहारा, कन्हारपुरी और इंदिरानगर सहित अन्य जगहों से ऐसे केश आए हैं।