ब्लाक स्तर पर पर्याप्त शिक्षक होने के बाद भी जिन शिक्षकों को तैनात किया गया है उन्हें लगातार ड्यूटी के कारण राहत नही मिल रही है। इस वजह से संक्रमण काल में प्राथमिकता के साथ अपना फर्ज निभा रहे शिक्षकों को भी संक्रमण और बिमारी का डर बढ़ रहा है। जबकि पर्याप्त शिक्षकों में आधे से ज्यादा अवकाश पर घरों में ही रह रहे हैं। फेडरेशन के सदस्यों ने कहा कि पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था होने के कारण लगातार ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर दूसरे शिक्षकों की तैनाती कर राहत दी जानी जरूरी है।
अन्य ब्लाकों में बनाई व्यवस्था फेडरेशन ने कहा कि लगातार ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को राहत देने अन्य शिक्षकों की तैनाती की मांग पर जिले में डोगरगढ़, छुईखदान सहित बाघनदी क्षेत्र में प्रशासन ने शिक्षकों को राहत देने अन्य शिक्षकों को भी रोटेशन के आधार पर तैनात करना शुरू किया है। इससे लगातार माह भर से व्यवस्था में जुटे शिक्षकों को राहत मिली है। यह व्यवस्था फिलहाल खैरागढ़ में शुरू नही हो पाई है। इस वजह से यहां शिक्षकों को राहत नहीं मिल पा रही है। फेडरेशन ने अवकाश और घरों में रह रहे शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर ड्यूटी में तैनात करने की मांग की है।
शिक्षकों को भी पचास लाख का बीमा मिले सहायक शिक्षक फेडरेशन के सदस्यों ने एसडीएम निष्ठा पांडे तिवारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर कोरोना संक्रमण काल में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभा रहे शिक्षकों को भी कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी में तैनात शिक्षकों की मौत होने पर पचास लाख रू का बीमा कवर दिए जाने की मांग की है। फेडरेशन ने कहा कि शिक्षकों द्वारा संक्रमण रोकने सहित अन्य व्यवस्था में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया जा रहा है। इस दौरान किसी भी शिक्षक की मौत पर उनके परिवार पर संकट आ सकता है। ऐसे में सरकार शिक्षकों को भी पचास लाख रू का बीमा दे ताकि इस संकट काल में परिवार को राहत मिल सके। सदस्यों ने कहा कि शिक्षकों को बीमा देने कई राज्य सरकार ने शिक्षकों को भी इस सुविधा से जोड़ा है। प्रदेश सरकार भी इस मामले में गंभीरता से विचार कर शिक्षकों की मांग पूरा करें।